7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों की मृत्यु के बाद बनाए गए नॉमिनी को मिलेगा मुआवजा

7th Pay Commission: जारी मेमोरेंडम में कहा गया, केंद्रीय कर्मचारी की रिटायरमेंट से पहले होने वाली मृत्यु के दौरान मिलने वाले मुआवजे के लिए केवल परिवार के सदस्य ही होंगे नॉमिनी।

Update: 2021-10-03 18:45 GMT

7th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। सरकार ने सर्विस के दौरान मरने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के परिवार को मिलने वाले मुआवजे के भुगतान से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। केंद्र सरकार द्वारा किया गया बदलाव यह है कि यदि कोई कर्मचारी अपने रिटायरमेंट से पहले ड्यूटी के दौरान अपनी जान गँवाता है, तो इस स्थिति में मरने वाले केंद्रीय कर्मचारी के परिवार में उस सदस्य को मुआवजा दिया जाएगा। जिसे कर्मचारी ने नॉमिनी बनाया हुआ है।

क्या थे पुराने नियम

केंद्र सरकार के कर्मचारी कि अगर रिटायरमेंट से पहले ही सर्विस के दौरान मृत्यु हो जाती है। तो उसके परिवार को सरकार की ओर से मुआवजे का प्रावधान है। बता दे कि अब तक इस मामले में नॉमिनी बनाने की कोई बाध्यता नहीं थी। लेकिन अब सरकार ने नया नियम लागू कर दिया है। अब मुआवजा परिवार के उसी सदस्य को मिलेगा। जिसे कर्मचारी ने अपने सर्विस काल के दौरान नॉमिनी ने बनाया होगा।

मेमोरेंडम में क्या कहा गया

सरकार की ओर से एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया गया जिसमें कहा गया कि केंद्रीय कर्मचारी की मृत्यु पर मिलने वाले मुआवजे की रकम वक्त वक्त पर संशोधित होती रहती है अभी तक जो निर्देश था उसमें यह स्पष्ट नहीं था कि कर्मचारी के मरने के बाद इस मुहावरे का भुगतान परिवार के किस सदस्य को मिलेगा। इसलिए अभी तक सीसीएस ( extra ordinary pension) रूल्स 1939 के तहत, परिवार के जो सदस्य एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी फैमिली पेंशन के लिए पात्र हैं। उन्हें मुआवजे का भुगतान किया जाता था। इस मामले को वित्त मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श करके जांचा गया।

क्या है बदला हुआ नियम

सरकारी कर्मचारी की मृत्यु पर अन्य एकमुश्त धनराशि जैसे ग्रेजुएटी, जी पी एफ, बैलेंस और सीजीजीआईएस अमाउंट का भुगतान, कर्मचारी जिसे अपना नॉमिनी बनाता है। उसे कर दिया जाता है। सरकार द्वारा जारी मेमोरेंडम में यह तय किया गया कि, केंद्र सरकार के कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होती है। तो मुआवजा को भी परिवार के उसी या सदस्यों को दिया जाएगा जिन्हें कर्मचारी अपना नॉमिनी बना कर गया है। इस मामले में भी परिवार का अर्थ वही होगा, जो ग्रेच्युटी के मामले में है। परिवार के सदस्यों के तहत वे सदस्य आएंगे, जो सीसीएस रूल्स 1972 के नियम 50 के सब रूल 6 में निर्दिष्ट हैं। इस नए बदलाव के लिए कॉमन नॉमिनेशन फॉर्म में भी संशोधन किया गया है।

केवल परिवार के सदस्य ही बनेंगे नॉमिनी

मेमोरेंडम में यह भी कहा गया, कि इस मामले में सिर्फ परिवार के सदस्य को ही नॉमिनी बनाया जाएगा। मुआवजे की रकम को पाने के लिए परिवार के बाहर के किसी भी सदस्य को नॉमिनी नहीं बनाया जा सकता है। मेमोरेंडम में यह भी कहा गया कि अगर कर्मचारी मुआवजे के लिए किसी को नॉमिनी नहीं बनाता है। तो जैसा कि सीसीएस रूल्स के नियम 51 के तहत ग्रेच्युटी के मामले में होता है। वैसे ही इसमें भी मुआवजा मृतक कर्मचारी के परिवार में सभी सदस्यों के बीच बराबर बराबर बांट दिया जाएगा।

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