अडानी ने तीन हवाई अड्डों का नाम रख दिया अडानी एयरपोर्ट, AAI ने पत्र लिख कहा - यह कानून का उल्लंघन
अडानी समूह द्वारा लीज पर लिए गए एयरपोर्टस का नाम अडानी एयरपोर्ट लिखे जाने पर भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण ने आपत्ति दर्ज कराते हुए इसे समझौते का उल्लंघन बताया है। देश के छह एयरपोर्ट 50 साल के लीज पर अडानी को दिए गए हैं...
जनज्वार। अडानी समूह द्वारा देश के तीन हवार्ड अड्डों में अपने नाम का प्रयोग करने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। अडानी समूह के इस कदम के खिलाफ सरकार नियंत्रित भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI)ने अडानी एंटरप्राइजेज के खिलाफ आपत्ति जर्द की है। प्राधिकरण ने इस संबंध में कहा है कि अडानी ने अपने नाम का इस्तेमाल करके दोनों पक्षों के समझौते का उल्लंघन किया है। अडानी समूह ने मंगलुरु, लखनऊ और अहमदाबाद एयरपोर्ट में अपने नाम का प्रयोग किया है।
कन्सेशन एग्रीमेंट के अनुसार, हवाई अड्डों के नाम किसी खास कंपनी या शेयर धारकों को प्रमुखता देने के लिए नहीं बदले जा सकते हैं। एएआई ने इस संबंध में मंगलुरु, लखनऊ और अहमदाबाद तीनों एयरपोर्ट को पत्र लिख कर आपत्ति जतायी है। अडानी समूह ने 21 दिसंबर को मंगलुरु एयरपोर्ट को पत्र लिखा था। इस पत्र में कहा गया है कि ऐसा पाया गया है कि हवाई अड्डों पर अडानी समूह के नाम जिस तरह दर्शाए गए हैं वे कन्सेशन एग्रीमेंट की शर्ताें के खिलाफ हैं। कुछ जगहों पर अदानी एयरपोर्ट्स लिखा पाया गया है जो समझौते का सरासर उल्लंघन है।
अडानी समूह ने प्रत्येक हवाई अड्डों के लिए एक अलग सहायक कंपनी गठित की है। कन्सेशन एग्रीमेंट के अनुसार, अगर कोई कंपनी अपने नाम का इस्तेमाल करना चाहती है तो उसे भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के नाम एवं प्रतीक चिह्न को भी समान जगह देनी होगी। हवार्ड अड्डा या इसके किसी हिस्से का प्रयोग किसी भी रूप में समझौते में शामिल कंपनी या शेयरधारकों के विज्ञापन, उनकी प्रदर्शनी या नाम एवं पहचान के लिए नहीं किया जा सकता है।
वहीं, एक अन्य प्रावधान के अनुसार, अगर कोई कंपनी किसी सार्वजनिक जगह पर अपना या शेयरधारकों का नाम दर्शना चाहती है तो इससे पहले उसे एएआई का नाम इंगित करना होगा।
मालूम हो कि छह हवाई अड्डों को परिचालन प्रबंधन एवं विकास पट्टे पर अदानी समूह को सौंपे गए हैं। समझौते के तहत कानूनी प्रावधानों का सभी पक्षों को पालन करना होगा। पिछले वर्ष हवाई अड्डों के निजीकरण की पहल के तहत इन हवाई अड्डों को पट्टे पर दिया गया है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत ये हवाई अड्डे सौंपे गए हैं। इनमें तिरुवनंतपुरम, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, मंगलूरु और गुवाहाटी हवाई अड्डा शामिल हैं। बोली प्रक्रिया के तहत सबसे ऊंची बोली लगाने के बाद अडानी को को 50 सालों के लिए हवाई अड्डों के परिचालन का अधिकार दिया गया है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ट्विटर पर उठाया था मामला
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने बीते दिनों ट्वीट कर एयरपोर्ट का नाम अडानी एयरपोर्ट लिखे जाने का मामला उठाया था। कांग्रेस ने अपने ट्वीट में अहमदबाद एयरपोर्ट के लिए लगाए गए कटआउट में अडानी एयरपोर्ट लिखे होने वाली तसवीर का प्रयोग किया था। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा था कि अहमदाबाद एयरपोर्ट का नाम - सरदार वल्लभभाई पटेल से अडानी एयरपोर्ट हुआ...। जब तक मोदी सरकार आपकी किडनी नहीं बेच देती, मुंह पर मास्क लगाकर रखें।