अडानी देशभर में खोलेंगे पेट्रोल पंप, नियमों में हुए बदलाव का मिलेगा फायदा

पिछले साल सरकार ने नियमों में बदलाव कर 250 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनियों को भी लाइसेंस देने की अनुमति दी है, इससे पहले तरल प्राकृतिक गैस टर्मिनल स्थापित करने के क्षेत्र में 2000 करोड़ का निवेश होना जरूरी होता था....

Update: 2020-08-10 09:03 GMT

File photo

जनज्वार। अडानी अब  देशभर में पेट्रोल पंप खोलने जा रहे हैं। इसके लिए जल्द ही सरकार को आवेदन करेंगे। फ्रांस की कंपनी 'टोटल' के साथ मिलकर अडानी समूह यह उद्यम स्थापित करेगा। 'उदारीकरण ईंधन खुदरा लाइसेंस व्यवस्था' योजना का लाभ उठाते हुए यह आवेदन करने जा रहे हैं। पिछले दिनों सरकार ने इसके लिए नियमों में परिवर्तन करते हुए 250 करोड़ नेटवर्थ वाली कंपनियों को भी निजी पेट्रोल पंप खोलने के लिए लाइसेंस निर्गत करने का नियम बनाया था।

फ्रांस की पेट्रोलियम क्षेत्र की प्रमुख कंपनी टोटल और भारत के अडाणी समूह के बीच नवगठित संयुक्त उद्यम जल्द ही भारत में पेट्रोल पंप खोलने के वास्ते लाइसेंस के लिये आवेदन करेगा। आडणी गैस के मुख्य कार्यकारी ने यह जानकारी दी। दोनों कंपनियों का संयुक्त उद्यम टोटाल- अडाणी फ्यूल मार्केटिंग लिमिटेड जल्द ही सभी तरह के वाहन ईंधनों की खुदरा बिक्री केन्द्र खोलने के लिये आवेदन करेगा। 

अडाणी गैस के सीईओ सुरेश मंगलानी ने 4 अगस्त को कंपनी के पहली तिमाही के परिणाम घोषित किये जाने के मौके पर यह कहा। टोटल ने पिछले साल अरबपति कारोबारी गौतम अडाणी की कंपनी 'अडाणी गैस' में 37.4 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था। इसके साथ ही उसने दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते ईंधन बाजार में कदम रख दिया। उन्होंने कहा हम इस क्षेत्र में निश्चित ही 'टोटल' की मजबूती और उसके अनुभव का पूरा लाभ उठायेंगे।

मंगलानी ने कहा अडाणी गैस की अनुषंगी कंपनी टोटल- अडाणी फ्यूल मार्केटिंग लिमिटेड अपने खुदरा केन्द्रों पर पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस बेचने के साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग सुविधा भी उपलब्ध करायेगी। उन्होंने कहा कि संयुक्त उद्यम सरकार की उदारीकृत ईंधन खुदरा लाइसेंस व्यवस्था के तहत लाइसेंस के लिये आवेदन करेगी।

सरकार ने पिछले साल पेट्रोल पंप के लिये लाइसेंस जारी करने के नियमों में बदलाव करते हुये 250 करोड़ रुपये नेटवर्थ रखने वाली कंपनियों को लाइसेंस आवेदन की अनुमति दी है। इससे पहले केवल उन्हें कंपनियों को ईंधन की खुदरा बिक्री की अनुमति दी जाती थी जिन कंपनियों ने हाइड्रोकाबन की खोज अथवा उत्पादन, रिफाइनिंग, पाइपलाइन नेटवर्क अथवा तरल प्राकृतिक गैस टर्मिनल स्थापित करने के क्षेत्र में 2,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

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