Bank Scam Gujrat : मोदी के गुजरात में बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला, जाने क्या है मामला?

Bank Scam Gujrat : एबीजी शिपयार्ड का घोटाला भारत का अब तक का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला माना जा रहा है।

Update: 2022-02-13 07:02 GMT

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नई दिल्ली। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के बैंकिंग घोटाले से भी बड़े बैंकिंग घोटाले का खुलासा हुआ है। इसे भी गुजरात की एक कंपनी ने अंजाम दिया है। गुजरात की कंपनी एबीजी शिपयार्ड ने देश के 28 बैंकों को 22,842 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने 14 हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया था। एबीजी शिपयार्ड का घोटाला भारत का अब तक का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला माना जा रहा है।

केंद्रीय जांच एजेंसी, सीबीआई का कहना है कि एबीजी शिपयार्ड और उनके निदेशकों- ऋषि अग्रवाल, संथनम मुथुस्वामी और अश्विनी अग्रवाल ने बैंकों से करीब 23 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। एबीजी शिपयार्ड और उसकी फ्लैगशिप कंपनी जहाजों के निर्माण और उनकी मरम्मत का कारोबार करती है। शिपयार्ड्स गुजरात के दाहेज और सूरत में स्थित हैं।

एसबीआई ने सबसे पहले 8 नवंबर 2019 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर सीबीआई ने 12 मार्च, 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगा था। बैंक ने उस साल अगस्त में एक नई शिकायत दर्ज कराई। डेढ़ साल से अधिक समय तक "जांच" करने के बाद सीबीआई ने 7 फरवरी, 2022 को प्राथमिकी दर्ज करने वाली शिकायत पर कार्रवाई की।

हाल ही में इस मामले की शिकायत भारतीय स्टेट बैंक ने सीबीआई से की थी। शिकायती पत्र में बताया गया है कि कंपनी ने उससे 2,925 करोड़ रुपए कर्ज लिया था। देश की सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई से सबसे ज्यादा 7,089 करोड़ रुपए का कर्ज कंपनी ने लिया था। आईडीबीआई से 3,634 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा से 1,614 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक से 1,244 करोड़ और इंडियन ओवरसीज बैंक से 1,228 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था जो बकाया है। यह पूरा घोटाला अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 के बीच का है।

Bank Scam Gujrat : बता दें कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक के साथ 14 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला बेहद चर्चित रहा था। नीरव मोदी अभी ब्रिटेन में गिरफ्तार है। उसे भारत लाने का प्रयास चल रहा है। उससे भी पहले शराब कारोबारी विजय माल्या पर भी करीब नौ हजार करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी का मामला भी चर्चा में रहा था।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि जून 2005 में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने एक बड़ी घोषणा करते हुए केजी बेसिन में मिले तेल भंडार का नाम दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर रखने की घोषणा की थी। उन्हीं दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर 20,000 करोड़ का घोटाला किया गया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि इस घोटाले का खुलासा जीएसपीसी पर गुजरात विधानसभा में पेश सीएजी की रिपोर्ट से हुआ है। सीएजी ने 31 मार्च 2015 को गुजरात विधानसभा में जीएसपीस पर एक रिपोर्ट पेश की थी। दूसरी रिपोर्ट 31 मार्च 2016 को पेश की गई। सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक जीएसपीसी ने 15 बैंको से 20,000 करोड़ रुपए कर्ज लिया। इनमें सबसे ज्यादा कर्ज भारतीय स्टेट बैंक से लिया गया। उसके बाद गैस निकालने का ठेका पसंदीदा कंपनियो को दिया गया, जिनमें ऐसी कंपनियां शामिल हैं। लेकिन इतने पैसे खर्च करने के बाद भी गैस नहीं निकला और बैंकों का कर्ज भी नहीं लौटाया गया।इन कंपनियों में अडानी पावर और बारबाडोस की एक कंपनी भी शामिल है।

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