Cryptocurrency: भारत की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह बदलेगी क्रिप्टोकरेंसी, एकाएक आया 641 फीसदी का उछाल
आने वाले दिनों में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की हिस्सेदारी शेयर बाज़ार (Share Market) में सबसे अधिक हो सकती है...
Cryptocurrency news, जनज्वार। आने वाले दिनों में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की हिस्सेदारी शेयर बाज़ार (Share Market) में सबसे अधिक हो सकती है। भारत के शेयर निवेशकों में भी इसे लेकर उत्सुकता देखी जा सकती है, साथ ही कुछ निवेशकों में इसे लेकर हिचकिचाहट भी है। वहीं कुछ लोग इसे अभी तक ठीक से समझ नहीं पा रहे हैं।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) भारतीय शेयर निवेशकों के जीवन को उसी तरह से प्रभावित कर सकती है, जैसे कभी लोगों को मोबाइल फ़ोन और इंटरनेट ने किया था। प्रारंभ में यह सोचा गया था कि मोबाइल फ़ोन का उपयोग केवल लोगों के बीच बात करने में हो सकता है, लेकिन जैसे-जैसे यह विकसित हुआ, इसने न केवल हमारे संवाद करने के तरीके को बल्कि मानव जीवन के हर पहलू को बदल दिया।
आज न हम केवल इसका इस्तेमाल संचार में करते हैं, बल्कि दुनिया की तमाम खबऱे, अपने बैंक से जुड़ी हर जानकारी हम मोबाइल फ़ोन पर पा सकते हैं। इसी तरह, क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के लिए भी तकनीक अभी विकसित हो रही है और निश्चित नहीं है कि लोगों को यह कहां ले जाएगा। हालाँकि, एक बात जो निश्चित प्रतीत होती है, वह यह है कि वित्तीय प्रणाली बदल जरूर जाएगी।
cryptocurrency की रिपोर्ट के मुताबिक डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (डीएफआई- DeFi) प्लेटफॉर्म पर होने वाली गतिविधियों में भारत की हिस्सेदारी 59 फीसदी है और हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान की हिस्सेदारी 33 प्रतिशत। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित उद्यमिता (entrepreneurship) और उद्यम पूंजी निवेश (venture capital investment) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 10 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के बड़े संस्थागत लेनदेन में से 42 फीसदी ट्रांजेक्शन भारत से हुए हैं, जबकि पाकिस्तान की यह हिस्सेदारी 28 प्रतिशत और वियतनाम में 26 प्रतिशत तक की है।
कुछ लोगों का तर्क है कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की वैश्विक अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से विकासशील लोगों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी, क्योंकि यह बैंक जैसे बिचौलियों की आवश्यकता को दूर करती है। वे मुख्य रूप से इसके नएपन को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं और इस नई व्यवस्था पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। दूसरों का कहना है कि रेगुलेशन की कमी इसे लोकतांत्रिक बनाती है। वे यह भी तर्क देते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) गरीब देशों में वित्तीय अवस्था में सुधार ला सकती है, क्योंकि इसकी डीसेंट्रलाइज़ड खाता प्रणाली, लेनदेन की कम लागत से गरीब देशों को फायदा होगा।
मौजूदा वक्त में दुनिया की सबसे चर्चित करेंसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बनी हुई है। पिछले कुछ सालों में इसके प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा है। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में भी सबसे ज्यादा लोकप्रिय बिटक्वाइन (Bitcoin) हैं, जिसकी कीमत अप्रैल महीने में 65,000 डॉलर तक पहुंच गई थी। हालांकि कई वैश्विक कारकों की वजहों से इसकी कीमत लगातार गिर रही है और अब ये 47,750 डॉलर के करीब पहुंच गया है।
अक्टूबर महीने की शुरुआत के बाद क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) मार्केट में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। वहीं टोटल क्रिप्टो का बाज़ार पिछले 24 घंटों में 6,43,466 करोड़ तक पहुंच गया है और इसमें 11.07 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) में पिछले 24 घंटो में मामूली बढ़त दर्ज की जा रही है। अब इसमें 0.12 प्रतिशत की मामूली बढ़त दर्ज देखी गई है और इसका मार्केट प्राइस 36,99,630 लाख रुपए तक पहुंच गया है इसका क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) मार्केट में करीब 42.44 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।