BSNL और MTNL की 37,500 करोड़ रुपये की संपत्ति होगी नीलाम, स्वराज इंडिया ने PM मोदी पर साधा निशाना

स्वराज इंडिया ने कहा कि इस बात में अब कोई शक नही रह गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हर बात सिर्फ जुमला और उनका पीआर स्टंट है, 'देश नहीं बिकने दूँगा' भी एक जुमला था....

Update: 2020-07-11 15:24 GMT

नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड और महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड की संपत्ति को बेचने की प्रक्रिया तेज हो गई है। खबरों के मुताबिक केंद्र सरकार ने इन कंपनियों की लैंडहोल्डिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

प्रक्रिया के पहले चरण के तहत निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग ने प्रॉपर्टी बेचने की संभावनाओं को तलाशने की जिम्मेदारी कंसल्टेंसी फर्म सीबीआरई, जोंस लैंग लासेल (JLL) और नाइट फ्रैंक को सौंपी है जो जुलाई के अंत तक ये अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी।

बीएसएनएल और एमटीएनएल की कुल 37500 करोड़ रुपये की संपत्ति बेची जानी है, जिसमें कंपनी की खाली जमीन और बिल्डिंग शामिल है। पिछले 10 में से नौ साल घाटे में रही बीएसएनएल और एमटीएनएल अगले तीन वर्षों में 37,500 करोड़ रुपये विनिवेश से जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रही हैं। सरकार ने कर्ज में डूबी कंपनियों का खर्च घटाने के लिए कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प दिया था।

अक्तूबर में सरकार ने बीएसएनएल और एमटीएनएल को पटरी पर लाने के लिए 69,000 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी थी। इसमें इन दोनों कंपनियों को विलय, संपत्तियों की बिक्री और कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) देने की घोषणा थी। केंद्र सरकार का लक्ष्य दोनों कंपनियों के विलय से बाद बनने वाली ईकाई को दो साल के भीतर मुनाफे वाले ईकाई बनाना है।

वहीं सरकार के इस कदम की विपक्षी दल आलोचना भी कर रहे हैं। स्वराज इंडिया ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से लिखा- क्या ऐसे अच्छे दिन के सपने दिखाए थे प्रधानमंत्री जी ने चुनाव के वक्त! इस बात में अब कोई शक नही रह गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हर बात सिर्फ जुमला और उनका पीआर स्टंट है। "देश नहीं बिकने दूँगा" भी एक "जुमला" था, क्योंकि धीरे धीरे तो देश की हर चीज़ बिकती हुए नज़र आ रही है।

पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा।


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