कोविड महामारी के कारण केंद्र व राज्यों को 10 लाख करोड़ का राजकोषीय घाटा होगा : नितिन गडकरी

नितिन गडकरी ने इस बात पर जोर दिया है कि अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए लिक्विडिटी बढाना होगा। उन्होंने पिछड़े जिलों के विकास पर भी फोकस करने की बात कही है...

Update: 2020-08-10 03:26 GMT

Nitin Gadkari News : 'सरकार का सही समय पर फैसला नहीं लेना एक बड़ी समस्या', नितिन गडकरी का बड़ा बयान

जनज्वार। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि कोरोना महामारी की वजह से केंद्र व राज्यों को 10 लाख करोड़ का राजकोषीय घाटा होगा। उन्होंने यह बात विशेषज्ञों के दावों के आधार पर कही है। नितिन गडकरी ने कहा कि ऐसे में हमलोगों को अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी डालने की जरूरत पड़ेगी। गडकरी ने रविवार को व्यापारियों के एक समूह से वर्चुअल बातचीत के दौरान ये बातें कहीं।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को मोर्चे पर हमारी लड़ाई उसी तरह महत्वपूर्ण है, जिस तरह कोविड19 के खिलाफ लड़ाई। उन्होंने कहा कि हमें भारत को पांच ट्रिलियन डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल करना है और हमारे पास वह क्षमता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास युवा, प्रतिभाशाली और कुशल मानव शक्ति है।

गडकरी ने कहा कि इकोनाॅमी को लिक्विडिटी से पंप किए बिना उद्योग धंधे नहीं चल सकेंगे। उन्होंने उदाहरण देकर कहा कि अगर किसी किसान के पास पैसा नहीं है तो वह मोटरसाइकिल कैसे खरीदेगा, वह पेट्रोल का उपयोग करेगा या होटल या रेस्तरां पर खर्च करेगा या फिर कपड़े खरीदेगा। इसलिए गरीबों तक पूंजी पहंुचनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उन 115 जिलों को आकांक्षी जिलों को विकसित करने की जरूरत है तो सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हैं।

सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछले 115 जिलों की अर्थव्यवस्था को हमें विकसित करना है। उन्होंने कहा कि हमें इनकी अर्थव्यवस्था को विकसित करना चाहिए।  

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