Dollar vs Rupee : डॉलर के मुकाबले दिसंबर तक गिरकर 85 रुपए तक पहुंचेगा रुपया, सर्वे में बोले बैंकर्स और अर्थशास्त्री

Dollar vs Rupee : रुपए में जारी गिरावट से सरकार से लेकर आरबीआई परेशान है और लगता है कि यह परेशानी अभी जल्द खत्म नहीं होने वाली है, रॉयटर्स एजेंसी द्वारा करवाए गए एक पोल में संभावना जताई गई है कि डोलर के मुकाबले भारतीय रुपया और गिरेगा...;

Update: 2022-10-21 12:03 GMT
Dollar Vs Rupees : रुपया पहली बार 81 के पार , डॉलर के मुकाबले अब तक का सबसे निचला स्तर

Dollar Vs Rupees : रुपया पहली बार 81 के पार , डॉलर के मुकाबले अब तक का सबसे निचला स्तर

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Rupee vs Doller : रुपए में जारी गिरावट से सरकार से लेकर आरबीआई परेशान है और लगता है कि यह परेशानी अभी जल्द खत्म नहीं होने वाली है। रॉयटर्स एजेंसी द्वारा करवाए गए एक पोल में संभावना जताई गई है कि डोलर के मुकाबले भारतीय रुपया और गिरेगा। घरेलु व्यापर संतुलन और अमेरिका में ब्याज दरों में वृद्धि के कारण रुपए में पिछले 9 सालों में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है।

आज रुपया 83.2150 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक लुढ़क गया था। रॉयटर्स के पोल में 14 बैंकर और फॉरेन करेंसी एक्सपर्ट्स ने सर्वे में अनुमान जताया है कि, दिसंबर तक रुपया गिरकर 84.50 तक जा सकता है।

दिसंबर तक कितना गिर सकता है रुपया

बता दें कि दक्षिण एशियाई करेंसी इस साल अब तक लगभग 12% गिर चुकी है, जो 2013 में अपनी गिरावट के बराबर है। वहीं, इस सर्वेक्षण में विशेषज्ञों ने अनुमान जताया है कि रुपया 83.25 और 86 के बीच रहेगा, जिस पर एक व्यापक सहमति देखने को मिली। इससे यह लग रहा है कि इस साल रुपये की चाल ठीक नहीं होने वाली है।

वातावरण में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा है कि दिसंबर तक रुपया 85 के स्तर तक गिर सकता है, क्योंकि हमें बाहरी वातावरण में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा है। वहीं, डॉलर लगातार बढ़ रहा है और हमारे लोकल फंडामेंटल कमजोर बने हुए हैं। हम भारत के चालू खाते के घाटे (सीएडी) के 3% -3।50% पर रहने की उम्मीद कर रहे हैं।

डॉलर इंडेक्स में करीब 18% की वृद्धि

इस बीच महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक बढ़ोतरी से कैपिटल इनफ्लो प्रभावित हुआ है। फेड की बढ़ोतरी से इस साल डॉलर इंडेक्स में करीब 18% की वृद्धि हुई है और निवेशकों को इमर्जिंग इकोनॉमी से पैसा निकालने के लिए मजूबर किया है। एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार विदेशी निवेशकों ने इस साल अब तक इंडियन इक्विटी मार्केट से 23.4 अरब डॉलर और डेट से 1.4 अरब डॉलर की रकम निकाल ली है।

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