RBI गवर्नर बोले, कृषि आय में निरंतर वृद्धि के लिए नीतियों की है जरूरत

CII के नेशनल काउंसिल में शक्तिकांत दास ने मध्यम अवधि के लिए अर्थव्यवस्था में बदलाव पर फोकस होने की बात कही है। उन्होंने ग्रोथ के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को महत्वपूर्ण बताया है। साथ ही बैंकों को पूंजी जुटाने का सलाह देने की बात भी एक बार फिर से दुहराई।

Update: 2020-07-28 03:01 GMT

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जनज्वार। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कृषि आय में निरंतर वृद्धि के लिए नीतियों की आवश्यकता जताई है। उन्होंने मध्यम अवधि के लिए अर्थव्यवस्था में बदलाव पर फोकस की बात भी कही है। ग्रोथ को गति देने में इंफ्रास्ट्रक्चर की भूमिका को भी उन्होंने रेखांकित किया है।

सीआईआई नेशनल काउंसिल में आरबीआई गवर्नर ने कहा  'हमें कोरोना के खिलाफ मजबूती से लडऩे की जरूरत है। कोरोना की वजह से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। मध्यम अवधि के लिए अर्थव्यवस्था में बदलाव पर फोकस होगा।'

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कृषि आय में वृद्धि पर जोर दिए जाने की जरूरत बताते हुए कहा कि भारत को कृषि आय में निरंतर वृद्धि के लिए नीतियों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हाल के कृषि सुधारों ने नए अवसर खोले हैं। कृषि सेक्टर के लिए बेहतर ग्रोथ की संभावनाएं हैं। ग्रोथ को गति देने में इंफ्रा की अहम भूमिका है।

उन्होंने आह्वान किया कि बदले हालात का मजबूती से सामना करने की जरूरत है।  मध्यम अवधि के लिए इकोनॉमी में बदलाव पर फोकस होगा।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि संयोग भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुकूल बन रहा रहा है। उन्होंने भारतीय उद्योग जगत से कहा कि बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में काम-काज बढ़ाने से आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र दोनों को इस क्षेत्र के विकास में प्रमुख भूमिका निभानी चाहिए।

उन्होंने मुद्रा विनिमय दर के बारे में कहा कि रिजर्व बैंक का मुद्रा की विनिमय दर के लिए कोई निर्धारित लक्ष्य नहीं लेकिन अनावश्यक घटबढ़ पर नजर रहेगी। गवर्नर का कहना है कि भारत को अमेरिका और अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों के समापन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा 'मुझे लगता है कि भारत के लिए जीवीसी (ग्लोबल वैल्यू चेन) का हिस्सा बनने के लिए प्रयास करने का यह सही समय है। हमारे उत्पादों/सेवाओं की उत्पादकता और गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना है। विश्व बैंक की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, जीवीसी (ग्लोबल वैल्यू चेन) की भागीदारी में 1फीसदी की वृद्धि से देश की प्रति व्यक्ति आय का स्तर 1प्रतिशत से अधिक बढ़ सकता है।'

रिजर्व बैंक गवर्नर ने उद्योगों को आश्वस्त किया कि चुनौतियों के बीच रिजर्व बैंक पूरी तरह से चौकस बना रहेगा और जरूरत पडऩे पर जरूरी कदम उठाने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बैंक द्वारा तरलता बढ़ाने के लिए उठाये गये कदमों से कार्पोरेट बांड बाजार में सुधार आया है। पहली तिमाही के दौरान कार्पोरेट बांड निर्गम का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले यह काफी अधिक है।

दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने बैंकों से अपनी वित्तीय कठिनाई की जांच करने और चुनौतियों का मुकाबला करने के लिये सक्रियता दिखाते हुए पूंजी जुटाने की सलाह दी है।

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