अब आम आदमी भी ले सकेंगे एसी ट्रेन से यात्रा का मजा, जानिए रेलवे की क्या है योजना

स्लीपर व अनारक्षित श्रेणी की बोगियों को अपग्रेड कर दो अलग-अलग श्रेणी के एसी क्लास में तब्दील किया जाएगा...

Update: 2020-09-09 03:37 GMT

जनज्वार। भारतीय रेलवे आम आदमी को भी एसी ट्रेन की सुविधा मुहैया कराने की योजना पर काम कर रही है। इसके तहत ट्रेनों के स्लीपर कोच को इकोनाॅमी एसी कोच में तब्दील किया जाएगा। रेलवे ने स्लीपर व अनारक्षित श्रेणी की बोगियों को इकोनाॅमी एसी क्लास में बदलने की योजना बनायी है।

अगर रेलवे की यह योजना कारगर रही तो लोगों की जेब पर बिना अतिरिक्त बोझ डाले उन्हें एसी ट्रेनों में सफर करने का मौका मिलेगा। अपग्रेड हुई स्लीपर बोगियों को इकोनाॅमिकल एसी ट्री टियर कहा जाएगा।

इस काम के लिए कपूरथला स्थित रेल कोच कारखाने को प्रोटोटाइप तैयार करने की जिम्मेवारी दी गई है। इकोनाॅमिक एसी थ्री टियर बोगियों में 72 की जगह 83 बर्थ होंगे। आरंभ में इन्हें एसी थ्री टियर टूरिस्ट क्लास भी कहा जाएगा। यह एक सस्ता सफर होगा और इसे सभी मध्यमवर्गीय लोगों के लिए वहन करने योग्य बनाया जाएगा।

रेलवे पहले चरण में 230 ऐसे कोच तैयार कराएगा और 2.8 करोड़ से 3 करोड़ रुपये खर्च आएगा। यह खर्च सामान्य एसी 3 टियर बनाने से 10 प्रतिशत अधिक है। रेलवे को उम्मीद है कि एक बोगी में अधिक बर्थ रहने व कम किराया होने पर मांग अधिक होगी जिससे अच्छी कमाई होगी।

इसके साथ ही जनरल बोगी को भी 100 सीट वाले डब्बे में बदला जाएगा। इनके लिए डिजाइन को अंतिम प्रारूप दिया जा रहा है। हालांकि एक अधिकारी ने कहा है कि शुरुआती चरण में हर कोच में 105 सीटें तैयार की जा रही हैं।

नए डब्बों में कंबल चादर रखने का कंपार्टमेंट खत्म किया जाएगा जिससे ज्यादा जगह मिलेगी। रेलवे पहले ही यह फैसला कर चुका है कि ट्रेनों में कंबल व चादर अब नहीं दी जाएगी।

यूपीए - 1 सरकार ने एसी इकोनाॅमिकल क्लास तैयार करने की योजना बनायी थी। उस समय रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव थे। उनके कार्यकाल में गरीब रथ ट्रेन चली जिसमें साइड मिडल बर्थ भी लगायी थी, जिससे सीटों की संख्या व रेलवे की कमाई बढी थी। हालांकि बाद में इस बर्थ से परेशानी होने की बात कही जाने लगी और इसका उत्पादन बंद कर दिया गया।

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