Inflation in India : बीते 1 साल में साबुन-डिटर्जेंट की कीमतों में 40 से 70 फीसदी तक वृद्धि, जरूरी खाद्य पदार्थ भी हुए महंगे

Inflation in India : वर्ष 2021-22 में साबुन/ डिटर्जेंट की कीमतों में 40 से 70% की वृद्धि हुई है, फल, सब्जी, खाद्य, तेलों की मुल्यवृधि भी लगभग 60-70 फीसदी तक है, दिल की तसल्ली के लिये कह सकते हैं कि अभूतपूर्व विकास हो रहा है...

Update: 2022-10-04 09:56 GMT

Inflation in India : बीते 1 साल में साबुन-डिटर्जेंट की कीमतों में 40 से 70 फीसदी तक वृद्धि, जरूरी खाद्य-पदार्थ भी हुए महंगे

Inflation : सरकार और रिजर्व बैंक के प्रयासों के बावजूद आम लोगों को महंगाई से राहत नहीं मिल पा रही है। सरकार भले ही महंगाई कम करने के कितने दावे करें लेकिन सच्चाई तो यह है कि महंगाई दुगनी रफ्तार से बढ़ती ही जा रही है। रिटेल एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म बिजोम के अनुसार इस साल जनवरी से अब तक रोजाना इस्तेमाल होने वाले किराना सामान के दाम 10% से 22% तक बढ़े हैं। इसमें खाद्य तेल, मसाले और चावल से लेकर बालों में लगाने वाले तेल तक शामिल हैं। वैसे साबुन और वॉशिंग पाउडर (डिटर्जेंट) जैसी कुछ गैर-खाद्य वस्तुओं के दाम सिर्फ 1-3% ही बढ़े हैं।

बीते 1 साल में 70 फीसदी बढ़ी महंगाई

देविन्दर शर्मा के पोस्ट के अनुसार वर्ष 2021-22 में साबुन/ डिटर्जेंट की कीमतों में 40 से 70% की वृद्धि हुई है। फल, सब्जी, खाद्य, तेलों की मुल्यवृधि भी लगभग 60,70 फीसदी तक है। दिल की तसल्ली के लिये कह सकते हैं कि अभूतपूर्व विकास हो रहा है।

बता दें कि पियर्स साबुन 140 से 252 रुपए, डव साबुन 165 से 280 रुपए, लक्स साबुन 110 से 198 रुपए, विम लिक्विड 132 से 199 रुपए, हार्पिक 140 से 195 रुपए, सर्फ एक्सेल 104 से 134 रुपए, डिटॉल साबुन 189 से 322 रूपए बढ़ गए है। 

केंद्र सरकार के कारण लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है और हम खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने पर किसानों को दोष देते हैं।

मसालों की कीमतों में भी 17% वृद्धि

बता दें कि साल की पहली तिमाही में करीब 35% बढ़ने के बाद खाद्य तेल की कीमतें लगातार की हुईं, लेकिन जनवरी के मुकाबले ये अब भी 5-22% महंगे हैं। इस बीच मसालों की कीमतें भी 3-17% बढ़ी हैं। यह स्थिति तब है, जब भारत दुनिया के सबसे बड़े मसाला निर्यातकों में शुमार है।

जरूरी किराना सामान के दामों में 10% वृद्धि

यही नहीं, इस साल अब तक चावल, आटा और रिफाइंड फ्लोर जैसे ब्रांडेड जरूरी किराना सामान के दाम भी 10% से ज्यादा बढ़े हैं। बिजोम की रिपोर्ट में कहा गया है कि कीमतें बढ़ने का असर किराना सामान की बिक्री पर हो रहा है। खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में इनकी बिक्री घटी है, जिसके चलते बाजार की ग्रोथ धीमी पड़ती जा रही है।

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