Mallikarjun Kharge ने मोदी को बताया असंवेदनशील, कहा - गेहूं निर्यात को रोककर किसानों से बदला लेने पर उतारू है केंद्र सरकार

मल्लिकार्जुन खड़ने (Mallikarjun Kharge ) का कहना है कि केंद्र सरकार की कोई स्पष्ट योजना नहीं होने से महीनों किसान से निर्यात की बाट जोह रहे हैं। दूसरी तरफ किसान परेशान हैं। उन्हें फसल की बर्बादी का डर सता रहा है।

Update: 2022-05-18 02:01 GMT

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नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़ने ( Mallikarjun Kharge ) ने मोदी सरकार ( Modi government  ) को पूरी तरह से असंवेदनशील सरकार ( insensitive government ) करार दिया है। उन्होंने कहा है किसानों के लाखों मीट्रिक टन गेहूं देश के अलग-अलग बंदरगाहों पर अटे पड़ें हैं, लेकिन केंद्र सरकार ( Central Government ) की कोई स्पष्ट योजना नहीं होने से महीनों किसान से निर्यात ( Wheat Export ) की बाट जोह रहे हैं। दूसरी तरफ किसान परेशान हैं। उन्हें फसल की बर्बादी का डर सता रहा है।

कांग्रेस के कद्दावर नेता Mallikarjun Kharge ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा की बात छोड़ए अकेले मध्य प्रदेश की दुकानों से 4 लाख मीट्रिक टन गेहूं बंदरगाहों के बाहर फंसे हैं। 4,000 गेहूं से लदे ट्रक कतार में निर्यात का इंतजार कर रहे हैं। 4 जहाज आधे लदे हुए हैं लेकिन सरकार की ओर से जहाज चलाने का कोई आदेश नहीं है।

मोदी के अनियोजित फैसलों ने देश को किया बर्बाद

मल्लिकार्जुन खड़ने ( Mallikarjun Kharge ) ने कहा कि कोई नहीं जानता कि इसका क्या किया जाए, क्योंकि असंवेदनशील सरकार ने इसके बारे में योजना ही नहीं बनाई थी। मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि नोटबंदी हो या अनियोजित लॉकडाउन, हर मामले में केंद्र सरकार ने अदूरदर्श्तिा का परिचय दिया है। अब गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर सरकार ने साफ कर दिया है कि उसके पास किसी भी चीज के लिए कोई तय या योजित नीति नहीं है। मोदी सरकार के इन अनियोजित फैसलों ने देश में खलबली मचा दी है। परिणाम यह है कि किसानों के साथ देश की जनता हाहाकार कर रही है। दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था पर भी इसका बुरा असर पड़ा है।

इससे पहले अप्रैल 2022 में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि सभी विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लोगों को उसके उत्पीड़न से मुक्ति दिलानी चाहिए। पीएम मोदी ( PM Narendra Modi ) की गलत नीतियों और महंगाई के चलते लोग बहुत परेशान हैं। किसाना अपनी फसल की बर्बादी के डर से परेशान है। मोदी सरकार किसानों से बदला लेने पर उतारू है। केंद्र सरकार प्रतिशोध की भावना से काम करती है।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए नौकरियां नहीं हैं। आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) सभी संवैधानिक संस्थानों पर कब्जा करता जा रहा है। इस स्थिति में सवाल यह है कि हमारे लोकतंत्र का क्या होगा और बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान की सुरक्षा कौन करेगा। भाजपा के खिलाफ इस लड़ाई में सभी विपक्षी दलों को एक साथ आना चाहिए।

मल्लिकार्जुन खड़गे ( Mallikarjun Kharge ) ने कहा कि भाजपा की दमनकारी नीतियों से सबसे ज्यादा प्रभाव महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों और शोषितों पर पड़ रहा है। खड़गे ने कहा कि कांग्रेस ने इसे लेकर कई प्रयास किए और मायावती से अनुरोध किया कि वह हमारे साथ आएं और उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ गठबंधन का नेतृत्व करें लेकिन जो भी कारण रहा हो, उन्होंने ऐसा नहीं किया।

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