Manmohan Singh असाधारण व्यक्ति, लेकिन उनके कार्यकाल में देश की आर्थिक गतिविधियां ठहर गई थीं : Narayana Murthy

यूपीए सरकार ( UPA regime ) से मौजूदा सरकार की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि यूपीए के समय निर्णय लेने में देरी के कारण देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ।

Update: 2022-09-24 09:48 GMT

यूपीए सरकार से मौजूदा सरकार की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि यूपीए के समय निर्णय लेने में देरी के कारण देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ।

नई दिल्ली। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद में 23 सितंबर को युवा उद्यमियों और छात्रों के साथ बातचीत में आईटी दिग्गज और इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ( Narayana Murthy ) ने भारतीय अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के दौरान मनमोहन सिंह ( Manmohan Singh ) प्रधानमंत्री थे। वह एक असाधारण व्यक्ति हैं, लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान भारत में आर्थिक गतिविधियां ठहर गई थीं। यूपीए के समय में निर्णय नहीं लिए जा रहे थे, जो निर्णय लिए गए वो देर से लिए गए। बातचीत के दौरान मूर्ति ने भरोसा जताया कि देश के युवाओं में भारत को चीन के सामने एक ठफ प्रतिस्पर्धी बनाने की क्षमता है।

बोर्डरूम में पहले सिर्फ चीन की ही चर्चा होती थी

उन्होंने ( Narayana Murthy ) एक सवाल के जवाब में कहा कि जब मैं लंदन में 2008 और 2012 के दौरान एचएसबीसी के बोर्ड में था तो बोर्डरूम की बैठकों के दौरान में चीन का जिक्र बार-बार होता था। भारत का नाम बहुत कम लिया जाता था। उसके बाद क्या हुआ मुझे नहीं पता। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ( Manmohan Singh ) के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है लेकिन संप्रग के दौर में भारतीय गतिविधियां ठहर सी गई थीं। आज दुनिया में भारत के लिए सम्मान का भाव है। देश अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। पिछली यूपीए सरकार से मौजूदा सरकार की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि निर्णय लेने में देरी के कारण देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है।

मनमोहन के सुधार कार्यक्रम, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप से मिली अर्थव्यवस्था को मजबूती

1991 में जब मनमोहन सिंह ( Manmohan Singh ) वित्त मंत्री थे तो उनके आर्थिक सुधार कार्यक्रमों और वर्तमान भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं ने देश की अर्थव्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूती मिली हैं इसके बावजूद उन्होंने 1991 के आर्थिक सुधारों के लिए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की तारीफ की। यह पूछे जाने पर कि वह भविष्य में भारत को कहां देखते हैं, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जब मैं आपकी उम्र का था तब ज्यादा जिम्मेदारी नहीं थी क्योंकि न तो मुझसे और न ही भारत से ज्यादा उम्मीद की जा रही थी। अब युवा पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि वह लोगों को बताएं। बोर्ड मिटिंग्स में भारत के नाम का जिक्र करें। मुझे भरोसा है 7 देश की युवा पीढ़ी ऐसा करने में सक्षम होगी।

भारत भी बेहतर सम्मान का हकदार

उन्होंने ( Narayana Murthy ) यह भी कहा कि 1978 से 2022 की अवधि के दौरान यानी 44 वर्षों में चीन ने भारत को छह बार पीछे छोड़ दिया है लेकिन मुझे लगता है कि यहां बैठे सभी प्रतिभावान लोग अपने प्रयासों से भारत के लिए वैसा ही कर दिखा सकते हैं। यानि आने वाले समय में भारत को भी वही सम्मान मिलेगा जैसा आज चीन को मिलता है।

भारत दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था मनमोहन और नरसिम्हा राव की वजह से बना : बसु

वहीं ब्रिटेन को पछाड़कर भारत का दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का श्रेय पूर्व सीईए कौशिक बसु ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ( Manmohan Singh ) और नरसिम्हा राव को दिया। उन्होंने कहा कि अगर किसी को यूके की जीडीपी से आगे निकलने का श्रेय मिलता है तो वह नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की सरकारें हैं। 1994 से भारत के विकास में तेजी और 2005 से भी तेज विकास ने 2016 के बाद से तेज मंदी के बावजूद इसे अपरिहार्य बना दिया। बसु ने 2009 और 2012 के बीच मनमोहन सिंह के मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य किया। 2012 से 2016 तक उन्होंने विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में कार्य किया।

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