अमिताभ कांत को उम्मीद, डिजिटल और ऑनलाइन से आर्थिक विकास लौटेगा पटरी पर
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत बोले, हम सभी को बिल्कुल स्पष्ट हो जाने की जरूरत है कि महामारी सिर्फ भारत के लिए बड़ी चुनौती नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए है...
नई दिल्ली। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने अर्थव्यवस्था में नई कोपलों के पनपने का जिक्र करते हुए मंगलवार को कहा कि भारत जल्द ही कोविड-19 संकट से उबर का वापस पटरी पर लौट आएगा।
कांत ने तेज खपत उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) का उदाहरण देते हुए कहा कि एफएमसीजी जैसे प्रमुख सेक्टर पहले ही पटरी पर लौट आए हैं, जो अर्थव्यवस्था के संकट से निकलने का सकारात्मक संकेत है।
कांत ने फिक्की के डिजिटल फोरम पर 'रोल ऑफ द क्रिएटिव इकॉनॉमी इन नेशनल बिल्डिंग' विषय पर आयोजित एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा, "मैं वापस अपनी जगह लौटने को लेकर आशान्वित हूं।"
उन्होंने कहा, "हम पहले से अर्थव्यवस्था में नई कोपलों को देख रहे हैं।"
कांत ने कहा कि भारत को 12-13 सेक्टरों की हर हाल में पहचान करनी चाहिए, जिसमें हम एक वैश्विक चैम्पियन बन सकते हैं और उन्होंने सुझाव दिया कि हम सभी को बिल्कुल स्पष्ट हो जाने की जरूरत है कि महामारी सिर्फ भारत के लिए बड़ी चुनौती नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए है।
उन्होंने कहा कि हर संकट में एक अवसर भी होता है और हमें वृद्धि के उन क्षेत्रों को चुनना चाहिए, जो हमें कल के विजेजा के रूप उभरने में हमारी मदद करेंगे।
संभावित क्षेत्रों का जिक्र करते हुए नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि डेटा, जीनोमिक्स, मोबिलिटी, ड्रोन्स, क्रिएटिव इंडस्ट्री और मीडिया व एंटरटेनमेट जैसे क्षेत्र विकास के प्रमुख प्रेरक होंगे। उन्होंने कहा, "ये क्षेत्र भारत को अगले 10-12 सालों में विकास के एक सतत स्तर पर ले जाएंगे और ढेर सारे रोजगार पैदा करेंगे।"
कांत ने सरकार द्वारा शुरू किए गए आत्मनिर्भर भारत के महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि इसके जरिए सरकार ने एमएसएमई और कृषि जैसे क्षेत्रों में विभिन्न क्रांतिकारी सुधार किए हैं।