EMI और लोन की ब्याज दरों पर राहत नहीं, RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में हुआ फैसला

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ दर नेगेटिव रहेगी, लगातार चौथे महीने निर्यात में कमी आई है...

Update: 2020-08-07 03:37 GMT

जनज्वार। रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक (Monetary Policy Review Meeting) के निर्णयों का ऐलान कर दिया गया है। जैसी की संभावना थी, RBI ने रेपो रेट (Repo Rate) और रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया है।

रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर बरकरार है। ऐसे में साफ है कि ईएमआई (EMI)या लोन की ब्याज दरों (Interest Rates) पर नई राहत नहीं मिलेगी।

वित्तीय वर्ष 2020-21 में नेगेटिव रहेगी GDP

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास  (RBI Governor Shaktikant Das) ने कहा कि ग्लोबल इकनॉमी कमजोर है। लेकिन कोरोना की मार के बाद देश की अर्थव्यवस्था (Economy) अब सुधर रही है। विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है। खुदरा महंगाई दर नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ रेट निगेटिव रहेगी।

लगातार चौथे महीने व्यापार निर्यात में आई कमी

जून में लगातार चौथे महीने भारत के व्यापार निर्यात में कमी आई। घरेलू मांग में कमी और अंतर्राष्ट्रीय क्रूड तेल के दामों में कमी की वजह से जून महीने में आयात में काफी कमी आई।

कोरोना काल में आरबीआई के मौद्रिक नीति समीक्षा की तीसरी बैठक

कोरोना काल में आरबीआई के मौद्रिक नीति समीक्षा की तीसरी बैठक थी। कोरोना संकट की वजह से दो बार समय से पहले बैठक हो चुकी है। पहली बैठक मार्च में और उसके बाद मई, 2020 में दूसरी बैठक हुई। इन दोनों बैठकों में रिजर्व बैंक की रेपो रेट में कुल मिला कर 1.15 फीसदी की कटौती की गई थी।बीते साल यानी फरवरी, 2019 के बाद रेपो रेट में 2.50 फीसदी की कटौती हो चुकी है।

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