Petrol Ka Dam, 7 october 2021: त्योहारी सीजन में पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी बरकरार, रसोई गैस पर भी बढ़ी महंगाई की मार

Petrol Ka Dam, 7 october 2021: बुधवार को पेट्रोल और डीजल के भाव में भी एक बार फिर वृद्धि हुई। पेट्रोल के भाव विभिन्न शहरों में 26 से 30 पैसे जबकि और डीजल की कीमत में 34 से 37 पैसे की बढ़ोतरी की गई।

Update: 2021-10-06 17:29 GMT

Petrol-Petrol, Diesel Price Today: पेट्रोल डीजल के दामों में 10 दिनों में 9 बार हुई बढ़ोतरी, जानिए कितना महंगा हुआ ईंधन

Petrol Ka Dam, 7 october 2021: पितृ विसर्जन के बाद गुरूवार से नवरा़त्र की शुरूआत के साथ ही त्योहारी मौसम शुरू हो गया है। इस दौरान बाजार में उमंग की उम्मीद लगाए कारोबारियों के लिए पेट्रोलियम पदाथों की कीमतों में बढ़ोतरी से उनकी योजना पर बट्टा लग रहा है। पेट्रोल-डीजल के दाम में 7 अक्टूबर दिन गुरुवार को भी राहत मिलने के आसार नहीं हैं।

बुधवार को पेट्रोल और डीजल के भाव में भी एक बार फिर वृद्धि हुई। पेट्रोल के भाव विभिन्न शहरों में 26 से 30 पैसे जबकि और डीजल की कीमत में 34 से 37 पैसे की बढ़ोतरी की गई। दूसरी तरफ घरेलू गैस सिलेंडर पर भी पंद्रह रूपये की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में अब रसोई गैस पर महंगाई की मार का असर बाजार से लेकर गृहणियों के कीचन तक पर पड़ना स्वाभाविक है।

पेट्रोल का रेट मुंबई समेत कई शहरों में 110 रुपये के करीब पहुंच गया है। मध्य प्रदेश के सिवनी और राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल की कीमत भी सबसे ज्यादा है। डीजल भी कई शहरों में 98 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। प्रमुख महानगरों में क्रमश डीजल पेट्रोल दिल्ली में 91.42- 102.94,मुंबई में 99.17- 108.96, कोलकाता में 94.53- 103.65 व चेन्नई में 95.93- 100.40 रुपये प्रति लीटर है। मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पेट्रोल का भाव 100 रुपये पार हो चुका है। पेट्रोल और डीजल पर राज्यों के वैट के अलावा केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी के साथ सेस भी लगता है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में इजाफे के साथ ही केंद्र व राज्य सरकार के टैक्स से भी कीमत बढ़ जाते हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है।

हर शहर में अलग-अलग पेट्रोल प्राइज होने की वजह टैक्स ही होती है। दरअसल, हर शहर के हिसाब से नगर निगम, नगर पालिकाओं के भी टैक्स होते हैं। हर शहर के हिसाब से अलग अलग होते हैं, जिन्हें लोकल बॉडी टैक्स भी कहा जाता है। बता दें कि हर नगर निगम के आधार पर अलग अलग टैक्स भी लगाए जाते हैं। जैसे मुंबई में कल्याण, ठाणे में भी नगर निगम की वजह से टैक्स अलग अलग होते हैं, इस वजह से वहां रेट अलग अलग होती है। इसके अलावा कई बार ट्रांसपोर्ट की वजह से भी टैक्स अलग अलग हो जाता है, जैसे कई जगह ऐसी हैं, जहां रिफाइनरी से तेल पहुंचने में काफी मुश्किल होती है। ऐसे में वहां पेट्रोल की कीमत ज्यादा हो सकती है।

राजस्थान में सबसे ज्यादा पेट्रोल व डीजल पर टैक्स

राजस्थान में सबसे ज्यादा टैक्स पेट्रोल व डीजल पर है। उसके अलावा रोड सेस लगता है, जो डीजल पर पौने दो रुपये लगता है और पेट्रोल पर डेढ़ रुपये लगता है। खैर ये पूरे राजस्थान में लग रहा है। गंगानगर में सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल होने का कारण ट्रांसपोर्टेशन है, ट्रांसपोर्ट के खर्चे के वजह से पेट्रोले के दाम बढ़ रहे हैं। दरअसल, पहले हनुमानगढ़ में डिपो था, जो सितंबर, 2011 में बंद हो गया है। इसके बाद से अब पेट्रोल जयपुर, जोधपुर, भरतपुर से पेट्रोल मंगाना पड़ता है और इससे ट्रांसपोर्ट का खर्चा बढ़ जाता है। इससे करीब 5 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से पेट्रोल के दाम बढ़ जाते हैं। यह पैसा कंपनी नहीं देती है, बल्कि इसे ग्राहकों से वसूला जाता है।

एक साल में घरेलू एलपीजी की कीमत दिल्ली में 305.50 रुपये बढ़ी

घरेलू एलपीजी सिलेंडर एक बार फिर महंगा हो गया है। नॉन-सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में बुधवार यानी 6 अक्टूबर को एक बार फिर बढ़ोतरी की गई है। इससे पहले एक अक्टूबर को केवल 19 किलो वाले कामर्शियल सिलेंडरों के दाम बढ़ाए गए थे। दिल्ली- मुंबई में नॉन-सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत 884.50 रुपये से अब 899.50 रुपये हो गई है। पटना में अब एलपीजी सिलेंडर के लिए 1000 में से केवल 2 रुपये कम चुकाने पड़ेंगे। कोलकाता में 926 और चेन्नई में अब 14.2 किलो वाला एलपीजी सिलेंडर 915.50 रुपये में मिलेगा। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि इस बार एलपीजी सिलेंडर का दाम 1000 रुपये के पार चला जाएगा।

बता दें एक अक्टूबर को कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी। वहीं,एक सितंबर को 14.2 किलोग्राम के गैर-सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम में 25 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी। इससे पहले पेट्रोलियम कंपनियों ने 18 अगस्त को गैस सिलेंडर की कीमतों में 25 रुपये का इजाफा किया था।पिछले एक साल में घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 305.50 रुपये बढ़ चुकी है, जबकि अब सब्सिडी भी नहीं आ रही है। जुलाई और अगस्त में दाम बढ़े थे। मई व जून में घरेलू सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया था। अप्रैल में एलपीजी सिलेंडर के दाम में 10 रुपये की कटौती की थी। दिल्ली में इस साल जनवरी में छोटे सिलेंडर का दाम 694 रुपये था, जिसे फरवरी में बढ़ाकर 719 रुपये प्रति सिलेंडर किया गया। 15 फरवरी को दाम बढ़ाकर 769 रुपये कर दिए गए। इसके बाद 25 फरवरी को एलपीजी सिलेंडर के दाम 794 रुपये कर दिए गए। मार्च में छोटे सिलेंडर के प्राइस को 819 रुपये कर दिया गया। सरकार हर साल सभी गैस कनेक्शन धारकों को 12 सिलेंडर सब्सिडी पर बाजार भाव से कम मूल्य पर उपलब्ध कराती है. इससे ऊपर के सभी सिलेंडर की कीमत बाजार भाव के हिसाब से बिना सब्सिडी के देनी पड़ती है।


वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार कहते हैं, ' पाँच साल में सरकार को क़रीब चौदह लाख करोड़ रुपये पेट्रोल और डीज़ल पर लगने वाले सभी प्रकार के टैक्स से मिले हैं। विवेक कॉल का डेक्कन हेरल्ड में छपा लेख पढ़ सकते हैं। आख़िर केंद्र सरकार पेट्रोल और डीज़ल का दाम क्यों बढ़ाए जा रही है? जब चुनाव होते हैं तब दाम का बढ़ना कैसे रुक जाता है? क्या आप यह नहीं समझ रहे कि हर दिन आपकी जेब से सरकार कितना पैसा निकाल रही है? इससे बेहतर होता कि आयकर ही ले लेती है।

पाँच लाख तक की आमदनी को टैक्स से माफ़ी देकर सरकार ने कोई तीर नहीं मारा था। इतने कम कमाने वालों से टैक्स के नाम पर मिलता ही क्या लेकिन कारपोरेट का टैक्स कम कर सरकार ने दूसरे रास्ते से भरपाई का रास्ता निकाल लिया है। पेट्रोल डीज़ल पर टैक्स लगा कर। आज भी दाम बढ़े हैं। धर्म की राजनीति का यह सबसे सफल प्रदर्शन है। धर्म लोगों का नागरिक विवेक नष्ट कर देता है। अब सरकार लोगों के शरीर से ख़ून भी चूस लें तो लोग कहेंगे कि धार्मिक सुरक्षा और पहचान के लिए ये कुछ भी नहीं ।

आज दिल्ली में पेट्रोल 103.24 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल 91.77 रुपये प्रति लीटर हो गया। मुंबई में पेट्रोल 109.25 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल 99.55 रुपये प्रति लीटर हो गया। आर्थिक मोर्चे पर फेल सरकार के पास कोई रास्ता नहीं बचा है। आपके बौद्धिक मोर्चे पर फेल हो जाने का लाभ उठाएँ और जेब से पैसे निकाल ले। धर्म की विजय हो।

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