Petrol Ke Dam: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कुछ दिन से कोई कमी नहीं आई है, लेकिन कीमतों में वृद्धि भी नहीं हुई है। दो हफ्तों से पेट्रोल डीजल की कीमतों में स्थिरता है
Petrol Ke Dam: इंडियन ऑयल के संकेत के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के मंहगे होने के कारण पेट्रोल और डीजल के दामों पर भी देखने को मिलेगा, वहीं लोगों को उम्मीद थी की GST के दायरे में आने से कीमतों में गिरावट होगी
Petrol Ke Dam: घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लंबे समय से स्थिरता बनी हुई है। वैश्विक बाजार में तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद देश में पेट्रोल डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। कुछ दिनों पहले फ्यूल की कीमतों में कमी आई थी, लेकिन करीब 17 दिन से अभी कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लगातार 17वें दिन भी तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। तेल कंपनियों ने आखिरी बार 5 सितंबर को कीमतों में बदलाव किया था जब पेट्रोल-डीजल 15 पैसे प्रति लीटर तक सस्ता हुआ था। लेकिन, इसके बाद तेल कंपनियों ने कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है।
बुधवार सुबह पेट्रोल और डीजल की नई कीमतें जारी कर दी गई है। नए कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। 22 सितंबर को दिल्ली में पेट्रोल 101.19 रुपये प्रति लीटर पर बिका। वहीं, डीजल के दाम 88.62 रुपये प्रति लीटर रहे। मुंबई की बात करें तो पेट्रोल की कीमत 107.2 रुपये और डीजल की कीमत 96.19 रुपये प्रति लीटर है।
इंडियन ऑयल ने पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के दिए संकेत
इंडियन ऑयल की मानें तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार बढ़ रहे कच्चे तेल के कीमत का प्रभाव पेट्रोल और डीजल की दामों पर भी देखने को मिल सकता है। पेट्रोल-डीजल के कीमतों में तेजी लाने वाले वैश्विक संकेतों पर टिप्पणी करते हुए इंडियन ऑयल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें हाल ही में छह सप्ताह के उच्च स्तर पर पहुंच गईं, लेकिन पेट्रोल-डीजल की घरेलू कीमतें अपरिवर्तित हैं। इंडियन ऑयल के अनुसार, कच्चे तेल के मंहगे होने का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ेगा, जिसका असर पेट्रोल और डीजल के दामों पर भी देखने को मिलेगा। भारत में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें भी अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में वृद्धि से प्रभावित होने की संभावना है।
पेट्रोल डीजल अब भी GST के दायरे से बाहर
शुक्रवार 18 सितंबर को वित्त मंत्री के नेतृत्व में GST काउंसिल की बैठक हुई थी। आम जनता को उम्मीद थी की बैठक में पेट्रोल डीजल को GST के दायरे में लाया जायेगा ताकि इसकी कीमत में गिरावट आए। लेकिन एक बार फिर इसको लेकर निराशा हाथ लगी। वित्त मंत्री निर्मला सितारमन ने बताया कि बैठक में पेट्रोल डीजल को लेकर चर्चा हुई, पर राय यही बना की इसका सही समय अभी नहीं आया है।
आपको बताएं कि इस साल केरल हाईकोर्ट ने GST काउंसिल को आदेश दिया था कि पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने का विचार करें। काउंसिल को इसके लिए छह महीने का समय भी दिया गया। पर इस प्रस्ताव का राज्य सरकारें विरोध कर रही है। अगर पेट्रोल डीजल को GST के दायरे में लाया गया तो राज्यों के राजस्व को नुकसान होगा। कर्नाटक, महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्य इस प्रस्ताव पर लगातार विरोध जताते आये हैं।