भारतीय अर्थव्यवस्था महंगाई से जूझ रही है, इसे कंट्रोल में लाना जरूरी है : RBI गवर्नर शक्तिकांत दास
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर भी महंगाई का असर पड़ा है। साथ ही ग्लोबल स्तर पर महंगाई चिंता का विषय है।
New Delhi : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ( RBI Governor Shaktikanta Das ) ने मॉनिटरी पॉलिसी ( monetary policy ) के बाद महंगाई को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ग्लोबल स्तर पर महंगाई चिंता का विषय है। भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी महंगाई का असर पड़ रहा है। हालांकि, शक्तिकांत दास ने आगे ये भी कहा कि करेंट अकाउंट डेफिसिट को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है। इसके अलावा उन्होंने रेपो रेट में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया गया है। इसी के साथ रिजर्व बैंक ने मॉनिटरी पॉलिसी के दौरान महंगाई दर पर भी अपने अनुमान का खुलासा किया है। रिजर्व बैंक के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए महंगाई दर को 67 फीसदी पर ही बरकरार रखा है।
उन्होंने ( RBI Governor Shaktikanta Das ) कहा कि महंगाई के मोर्चे पर अनिश्चितताएं अभी भी बनी हुई हैं। वित्तीय वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में महंगाई 7.1 फीसदी संभव है। 23 की तीसरी तिमाही में महंगाई 6.4 फीसदी और चौथी तिमाही में महंगाई 5.8 फीसदी संभव है। वित्तीय वर्ष 2024 की पहली तिमाही में महंगाई 5 फीसदी रहने का अनुमान है।
खाद्य तेलों की कीमतों में कमी आने की संभावना
आरबीआई ( RBI Governor Shaktikanta Das ) की ओर से कहा गया है कि बैंकों के क्रेडिट ग्रोथ में सालाना 14 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं बेहतर मॉनसून से ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी का अनुमान है। इसके अलावा सप्लाई बढ़ने से खाने के तेल की कीमतों में आगे भी कमी देखने को मिल सकती है।
साल 2023 की दूसरी तिमाही में ग्रोथ रेट 6.2%
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी का अनुमान बताने के दौरान वर्ष 2022.23 की दूसरी तिमाही, तीसरी तिमाही और चौथी तिमाही के लिए भी अलग-अलग जीडीपी ग्रोथ ( GDP Growth ) के अनुमान की घोषणा की है। रिजर्व बैंक के अनुमानों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.2 फीसदी होने की संभावना है। पहली तिमाही के लिए ग्रोथ 16.2 फीसदी हो सकती है। तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4.1 फीसदी होने की संभावना है। चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4 फीसदी होने की संभावना जताई है।