RBI रेपो दरों में नहीं करेगा कोई बदलाव, SBI रिसर्च की इकोरैप रिपोर्ट का है आकलन

इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त में रिजर्व बैंक रेपो दरों में कटौती नहीं करेगा और वित्तीय स्थिरता के लिए गैर परंपरागत उपायों को तरजीह दी जा सकती है।;

Update: 2020-08-01 01:30 GMT
RBI रेपो दरों में नहीं करेगा कोई बदलाव, SBI रिसर्च की इकोरैप रिपोर्ट का है आकलन
  • whatsapp icon

जनज्वार। भारतीय रिजर्व बैंक आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट-इकोरैप में यह अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए 'गैर-परंपरागत नीतिगत उपाय' कर सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी से 115 बेसिस पॉइंट कम किए गए हैं। बैंकों ने नए ऋणों पर पहले ही 72 बेसिस पॉइंट ग्राहकों को दे दिए हैं। कुछ बड़े बैंकों ने 85 बेसिस पॉइंट तक दिया है। ऐसा इसलिए हुआ है चूंकि रिजर्व बैंक का तरलता के प्रति झुकाव है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक चार अगस्त को शुरू होगी। बैठक के नतीजों की घोषणा छह अगस्त को की जाएगी।

एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट-इकोरैप में कहा गया है, 'हमारा मानना है कि अगस्त में रिजर्व बैंक दरों में कटौती नहीं करेगा। हमारा मानना है कि एमपीसी की बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि मौजूदा परिस्थतियों में वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए और क्या गैर-परंपरागत उपाय किए जा सकते हैं।' रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी से रेपो दर में 1.15 प्रतिशत की कटौती हो चुकी है। बैंकों ने ग्राहकों को नए कर्ज पर इसमें से 0.72 प्रतिशत कटौती का लाभ दिया है। कुछ बड़े बैंकों ने तो 0.85 प्रतिशत तक का लाभ स्थानांतरित किया है। रिपोर्ट कहती है कि इसकी वजह यह है रिजर्व बैंक ने नीतिगत उद्देश्यों को पाने के लिए आगे बढ़कर तरलता को एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया।'

रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों ने वित्तीय परिसंपत्तियां रखने को प्राथमिकता दी है। इससे देश में वित्तीय बचत को प्रोत्साहन मिला है। रिपोर्ट कहती है, 'हमारा अनुमान है कि 2020-21 में वित्तीय बचत में इजाफा होगा। इसकी एक वजह लोगों द्वारा एहतियाती उपाय के तहत बचत करना भी है।'

Tags:    

Similar News