RBI New Rule : 1 जुलाई से डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन भुगतान करने में आएगी दिक्कत, जानिए क्या है पूरा मामला

RBI New Rule : पेमेंट एग्रीगेटर्स और मर्चेंट्स परेशान हैं, क्योंकि इस नियम के लागू (RBI New Rule) होने में ज्यादा वक्त नहीं बचा है। उनकी इस बात को लेकर है कि 1 जुलाई से पहले कोई वैकल्पिक व्यवस्था तैयार करना मुमकिन नहीं है...

Update: 2022-05-20 10:28 GMT

RBI New Rule : 1 जुलाई से कार्ड से ऑनलाइन भुगतान करने में आएगी दिक्कत, जानिए क्या है पूरा मामला

RBI New Rule  : क्या आप ऑनलाइन खरीदारी में दिलचस्पी रखते हैं? यदि हां तो ये खबर (RBI New Rule) आपके बहुत काम का हो सकती है। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार 1 जुलाई से आपको अपनी हर खरीदारी पर अपने डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड की डिटेल देनी होगी। इसका कारण आरबीआई (RBI) का एक आदेश है। केन्द्रलय बैंक ने सभी पेमेंट एग्रीगेटर्स, गेटवेज और मर्चेंट्स को एक जुलाई से ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की डिटेल अपने प्लेटफॉर्म पर स्टोर नहीं करने को कहा है।

पेमेंट एग्रीगेटर्स और मर्चेंट्स परेशान हैं, क्योंकि इस नियम के लागू (RBI New Rule) होने में ज्यादा वक्त नहीं बचा है। उनकी इस बात को लेकर है कि 1 जुलाई से पहले कोई वैकल्पिक व्यवस्था तैयार करना मुमकिन नहीं है। अभी पेमेंट एग्रीगेटर्स, पेमेंट गेटवेज और मर्चेंट्स अपने प्लेटफॉर्म पर ग्राहक के कार्ड डिटेल्स को स्टोर करते हैं। इससे हर बार कस्टमर को ट्रांजेक्शन के वक्त अपने अपने कार्ड की डिटेल डालने की जरूरत नहीं पड़ती है।

आपको बता दें कि आरबीआई इससे पहले दो बार इस नियम (RBI New Rule) को लागू करने की अंतिम तिथि को बढ़ा चुका है। आखिरी बार उसने 23 दिसंबर को यह डेडलाइन छह महीने के लिए बढ़ाई थी। 1 जुलाई से हर खरीदारी पर आपको अपने कार्ड का 16 डिजिट का नंबर, एक्सपायरी डेट कार्ड और कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू डालना होगा।

वीजा, मास्टरकार्ड और रूपे जैसी पेमेंट कंपनियां वैकल्पिक व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रही है। इसका एक विकल्प कार्ड आॅन फाइल टोकेनाइजेशन सीओएफटी है। इस सिस्टम के तहत कार्ड की विवरिणी की जगह टोकन का इस्तेमाल होता है। यह हर डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड मर्चेंट प्लेटफॉर्म के लिए यूनिक मतलब अलग होगा।

मर्चेंट पेमेंट्स आॅफ इंडिया ने कहा है कि अभी तक हर तरह के ट्रांजेक्शन (RBI New Rule) के लिए सीओएफटी का सिस्टम तैयार नहीं हुआ है। एमपीएआई में शामिल नेटफ्लिक्स, डिजनी प्लस हॉटस्टार, जूम, माइक्रोसॉफ्ट और पॉलिसीबाजार की अलायंस ने इस बारे में अपनी परेशानी आरबीआई को बतायी है। उनकी ओर से कहा गया है कि जब तक दूसरी व्यवस्था तैयार नहीं हो जाती, सभी प्लेटफार्मम्स से ग्राहक के कार्ड के डेटा डिलीट करने से बहुत दिक्कत होगी। इसका असर मर्चेंट्स के रेवेन्यू पर भी पड़ेगा।

वहीं आईफोन जैसे प्रोडक्ट्स बनो वाली एपल इंडिया ने अपने ग्राहकों से कहा है कि वह क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से पेमेंट एक्सेप्ट (RBI New Rule) नहीं करेगी। उसने कस्मटमर्स को पेमेंट के लिए नेटबैंकिंग, यूपीआई या एपल आईडी बैलेंस का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। 

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