अर्थव्यवस्था पर मंदी का खतरा बरकरार, विश्व बैंक ने भारत का विकास दर घटाकर किया 6.5%, IMF ने भी जारी की चेतावनी

World Bank Growth Forecast : विश्व बैंक और आईएमएफ की ओर से मोदी सरकार को झटका देने वाली खबर सामने आई है। विश्व बैंक ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक मौद्रिक सख्ती का भारत के आर्थिक विकास पर असर पड़ेगा।

Update: 2022-10-07 05:36 GMT

अर्थव्यवस्था पर मंदी का खतरा बरकरार, विश्व बैंक ने भारत का विकास दर घटाकर किया 6.5%, IMF ने भी जारी की चेतावनी

World Bank Growth Forecast : पहले दो साल तक कोरोना महामारी की मार, उसके रूस-यूक्रेन युद्ध और मोदी सरकार ( Modi government ) की गलत नीतियों की वजह से न केवल विश्वव्यापी बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) पर भी खतरा बरकरार है। बीते सप्ताह आरबीआई ( RBI ) की राज पर चलते हुए अब विश्व बैंक ( World Bank ) ने भी साफ कर दिया है कि मंदी का खतरा पूरी तरह से टला नहीं है। साथ ही इंडिया की विकास दर ( India GDP growth rate ) भी साल 2022 के लिए घटाकर 7.5 से 6.5 कर दिया है। आईएमएफ ( IMF warning ) ने भी भारत सहित दुनिया के देशों को आगाह किया है कि आ​र्थिक मोर्चे पर संभलकर चलने की जरूरत है।

मोदी सरकार के लिए आर्थिक मोर्चे पर झटका देने वाली खबर

विश्व बैंक ( World Bank Growth Forecast ) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाते हुए 6.5 कर दिया है। इससे पहले 7.5 फीसदी विकास का अनुमान जताया गया था। रिपोर्ट में कहा गया कि रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक मौद्रिक सख्ती का आर्थिक विकास पर असर पड़ेगा। दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती इकोनॉमी (Economy) के रूप में उभरे भारत के लिए यह झटका देने वाली खबर है।

ये है विकास दर में कटौती की वजह

न्यूज एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व बैंक ने गुरुवार 6 जुलाई को भारत के लिए अपने वृद्धि दर के पूर्वानुमान को संशोधित करते हुए कम कर दिया है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इसे घटाते हुए 6.5 कर दिया गया है। रिपोर्ट में कटौती का कारण बताते हुए कहा गया कि रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक मौद्रिक सख्ती (Global Monetary Tightening) से इकोनॉमिक दृष्टिकोण पर असर पड़ेगा। दक्षिण एशिया पर विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि अनिश्चितता के इस दौर में निजी निवेश में कमी आने की संभावना है। ग्लोबल डिमांड (Global Demand) में कमी से देश के निर्यात (Export) पर असर पड़ने की संभावना है।

आईएमएफ ने दी इस बात कह सलाह

World Bank Report : वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक से पहले जारी रिपोर्ट में बैंक ने कहा कि भारत दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में मजबूत है। बीते वित्त वर्ष भारत की वृद्धि दर 8.7 फीसदी रही थी। चालू वित्त वर्ष में उसी विकास दर को बनाए रखना भारत के लिए संभव नहीं है। चालू कैलेंडर वर्ष की दूसरी छमाही कई देशों के लिए कमजोर है। भारत के लिए अपेक्षाकृत कमजोर ही रहेगी। हालांकि, आईएमएफ के इकोनोमिस्ट हैंस टिमर ने रिपोर्ट में भारत की तारीफ करते हुए कहा कि इंडियन इकोनॉमी ने दक्षिण एशिया के अन्य देशों की तुलना में मजबूत ग्रोथ के साथ शानदार प्रदर्शन किया है। कोरोना से उबरने में भी देश की रफ्तार तेज रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था सर्विस सेक्टर में अच्छा प्रदर्शन किया है।

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