गुजरात में 4 बच्चों के साथ आत्महत्या करने वाले दो भाइयों के घर में थे 26 क्रेडिट कार्ड, लेकिन 32 लाख का लोन पड़ा भारी

केस की तहकीकात कर रहे एसीपी आरबी राणा ने कहा ' जांच के क्रम में यह बात सामने आई है कि दोनों भाइयों के इस संयुक्त परिवार के ऊपर कुल 32 लाख लोन था। ऐसा लगता है कि लॉकडाउन के पहले....

Update: 2020-06-22 16:00 GMT
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जनज्वार। कोरोना काल में किए गए लॉकडाउन ने लोगों को आर्थिक रूप से इतना तबाह कर दिया है कि लोग मौत का रास्ता चुना ले रहे हैं। इस लॉकडाउन ने सिर्फ गरीब-मजदूरों को ही नहीं,बल्कि हर तबके के लोगों को प्रभावित किया है। गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में दो भाइयों गौरांग और अमीश ने अपने चार बच्चों के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इनका बड़ा और संयुक्त परिवार था।

टाइम्स आफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इस परिवार में कुल 26 क्रेडिट कार्ड थे, कुछ एक्टिव लोन एकाउंट थे और सब मिलाकर 32 लाख का लोन था। दोनों भाई संयुक्त रुप से व्यवसाय करते थे। पहले दोनों टेक्सटाइल का काम करते थे पर कुछ समय पहले दो कार खरीद कर कैब सर्विस शुरू की थी। इनमें से एक कार ये बेच चुके थे और वर्तमान में सिर्फ एक कार की आय से ही परिवार का खर्च चल रहा था। लॉकडाउन के दौरान यह कार भी बैठ गई थी।

केस की तहकीकात कर रहे एसीपी आरबी राणा ने कहा ' जांच के क्रम में यह बात सामने आई है कि दोनों भाइयों के इस संयुक्त परिवार के ऊपर कुल 32 लाख लोन था। ऐसा लगता है कि लॉकडाउन के पहले पहले लिए गए लोन और कम हो रही आय के तनाव के कारण इनलोगों ने यह आत्मघाती कदम उठाया है।'

गौरांग और अमीश विंजोल के प्रयोशा रेसीडेंसी के अपने खाली पड़े फ्लैट में अपने चार बच्चों के साथ फांसी पर झूल गए थे। तकादों के लिए बैंक से जुड़े लोगो के इस फ्लैट पर लगातार आने के कारण कुछ दिन पहले दोनों ने इस फ्लैट को खाली कर दिया था और परिवार के साथ किराए के फ्लैट में रहने के लिए चले गए थे। पिराना के निकट इस परिवार के पास एक जमीन भी थी, जिसे दोनों भाई बेचना चाहते थे, इसमें भी कानूनी पचड़ा फंस गया था। इसके मालिकाना हक को लेकर एक सिविल सूट भी दायर हो गया था।

पुलिस जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि अपने अन्य रिश्तेदारों की अपेक्षा इनकी स्थिति ठीक थी। इनके बच्चे घोड़ासर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ते थे। जांच से जुड़े एक पुलिसकर्मी ने बताया कि हालिया समय मे दोनों भाई सिर्फ क्रेडिट कार्ड से जरूरी सामान की खरीददारी कर जीवन बसर कर रहे थे।

दोनों भाइयों की शादी हेतल और ज्योत्स्ना नामक दो कजिन बहनों के साथ हुई थी। इन दोनों को उनके आर्थिक तंगी की कोई जानकारी नहीं थी। दोनों भाइयों के बीच अच्छी समझ और तालमेल थी और संयुक्त रूप से व्यवसाय करते थे। मुनाफा दोनों आधा-आधा बांट लेते थे।

पुलिस जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि 26 क्रेडिट कार्ड में से 22 गौरांग, जबकि जोशना और हेतल के नाम पर 4 क्रेडिट कार्ड थे। अमीश के नाम पर 6 लोन एकाउंट थे,वे सब अब बन्द हो चुके हैं। अमीश की पत्नी जोशना के नाम पर 8 लोन एकाउंट थे। इनमें से वर्तमान में 3 एकाउंट, एक लोन और दो क्रेडिट कार्ड एकाउंट ही ऐक्टिव थे। 26 क्रेडिट कार्ड पर 12 लाख का बकाया था,जबकि कुल बकाया 32 लाख का था।सभी पर प्रियोशा रेसीडेंसी का पता ही दर्ज था।

गौरांग और अमीश अपने चार बच्चों मयूर (12) ,ध्रुव (12), कीर्ति (9) तथा साल्वी (7) के साथ घर से निकले थे। दोनों ने अपनी पत्नियों को बताया था कि वे मनोरंजन के लिए बाहर जा रहे हैं। मरने से पहले उन्होंने अपने नजदीकी लोगों को व्हाट्सएप से अपने बचपन की तस्वीरें और हिंदी गाने 'जिंदगी को तलाश में हम मौत के कितने पास आ गए..' का लिंक भेजा था।

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