Facebook Bug : फेसबुक पर रातोंरात घट गये हजारों फॉलोवर्स, मार्क जुकरबर्ग के करोड़ों फॉलोवर्स की संख्या घटकर हुई 9 हजार!

Facebook Bug : 12 अक्टूबर की सुबह बिस्तर से उठते ही फेसबुक यूजर्स को पता चला कि उनके तो फॉलोअर्स ही गायब हो गए। लोग सोचने लगे ये क्या हो गया। अभी तक नहीं मिला इसका सही जवाब।

Update: 2022-10-12 08:29 GMT

Facebook Bug : हाल ही में ट्विटर पर लोगों के फॉलोअर्स कम होने की सूचना आई थी। उस समय भी ट्विटर यूजर्स परेशान हो उठे थे। बाद में पता चला कि ट्विटर ने फेक यूजर्स को अपने प्लेटफॉर्म से हटाया है इसलिए लोगों के फॉलोअर्स कम हो गए। उस समय तो लोगों ने ऐतबार कर लिया कि ऐसा फेक यूजर्स की वजह से हुआ, क्योंकि ट्विटर ने अपने उपभोक्ताओं को ऐसा कुछ करने की जानकारी दी थी, लेकिन बीती रात जो हुआ, वो सबके लिए चौंकाने वाला और सकते में डालने वाला था।

ऐसा इसलिए कि बुधवार यानि 12 अक्टूबर की सुबह बिस्तर से उठते ही फेसबुक यूजर्स ( Facebook ) को पता चला कि उनके तो फॉलोअर्स ( Facebook followers ) ही गायब हो गए। लोग सोचने लगे ये क्या हो गया। दिमाग दौड़ाया, तो इस बात का ख्याल नहीं आया कि फेसबुक ने फेक यूजर्स हटाने की कोई सूचना दी हो। फिर, लोग वहीं आ गए, आखिर बात क्या है? खुद की समझ के मुताबिक सभी ने फेसबुक पर अक्ल के घोड़े भी दौड़ाए। इस क्रम में पता चला कि ऐसा केवल मेरे साथ ही नहीं बल्कि दुनियाभर के यूजर्स के साथ हुआ है।

खुद यानि फेसबुक ( facebook ) का भगवान कहिए या जनक, जुकरबर्ग ( Zuckerberg ) भी इस बात को लेकर परेशान हैं। उनके तो करोड़ों में फॉलोअर्स थे, अब 9000 के आसपास सिमट कर रह गए हैं। उन्हें तो अरबों डॉलर चूना लगने का डर भी सता रहा होगा। वैसे ही, वो दुनिया के तीसरे नंबर के धनकुबेर से 23वें नंबर पर पहुंच गए हैं।

ये बात यहीं तक सीमित नहीं है। चौंकाने वाली बात यह है कि अधिकांश लोगों के फॉलोअर्स कम होकर 9000 से 10000 के अंकों के बीच अटक गए हैं। इस बात को लेकर भी लोग अचंभित हैं, आखिर फेसबुक ने 9000 का अंक ही क्यों चुना, कहीं जुकरबर्ग ( Zuckerberg ) को किसी पंडित या ज्योतिषाचार्य ने अपने काबू में तो नहीं कर लिया। अगर ऐसा नहीं है, तो ये कौन सा साइंस है ​कि सभी के फॉलोअर्स 9000 के आसपास आकर अटक गए।

ऐसा तो जादू-टोना, झाड़-फूंक या फिर अंधविश्वास में ही होता है कि कोई खास अंक खास व्यक्ति या सभी के लिए अहम हो जाता है। उसी को, सभी सही मानने लगते हैं। भला फेसबुक को क्या हो गया। यह तो विज्ञान की चीज है, इसका तो अंधविश्वास से कोई लेना-देना भी नहीं है। खैर, इन बातों को छोड़िए, हम मूल बातों पर आते हैं, रातोंरात फेसबुक पर लोगों के फॉलोअर्स क्यों कम हो गए?

तो हकीकत ये है

दरअसल, फेसबुक में एक बग की वजह से रातों-रातों लोगों के लाखों-करोड़ों फॉलोअर्स गायब हो गए हैं। बग की इस तूफान में मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग भी नहीं बच पाये हैं। मार्क जुकरबर्ग के फॉलोअर्स सिर्फ 9,993 ही बचे हैं। उनके पेज पर इन फॉलोअर्स की संख्या को देखा जा सकता है। कई अन्य यूजर्स ने भी फॉलोअर्स अचानक से खत्म होने की शिकायत की है। कहा जा रहा है कि यह फेक फॉलोअर्स को हटाने की प्रक्रिया का परिणाम है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या मार्क जुकरबर्ग के भी सभी फॉलोअर्स फेक ही थे।

बात ये है कि Meta ने हाल ही में हाई एंड रियलिटी हेडसेट पेश किया है जिसे मार्क जुकरबर्ग ( Mark Zuckerberg ) ने भी अपने फेसबुक पेज पर साझा किया है। नए हेडसेट का नाम Meta Quest Pro रखा गया है। इसकी कीमत 1,500 डॉलर यानी करीब 1,23,459 रुपए हैं। यह हेडसेट नेचुरल फेस एक्सप्रेशन को भी ट्रैक करेगा। Meta Quest Pro कंपनी का फेसबुक नया प्रोडक्ट है। इसे कई सारे टेक्निकल बदलाव के साथ पेश मार्केट में जुकरबर्ग ने उतारा है। इससे पहले कंपनी ने Quest 2 को पहली बार 2020 में पेश किया था। Meta Quest Pro को खासतौर पर गेमर्स को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया है। मेटा को Meta Quest Pro के 15 मिलियन यूनिट बेचे जाने की उम्मीद है।

पुतिन के इस एक्शन का परिणाम है

यहां पर ये बात सभी को बताना भी जरूरी है कि रूस ( Russia ) के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ( Putin ) ने मंगलवार यानि 11 अक्टूबर को मेटा ( Facebook ) को आतंकी और चरमपंथी संगठनों की सूची में डाल दिया है। मेटा का पूर्व नाम फेसबुक था। यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और इंस्टाग्राम की पेरेंट कंपनी है। ऐसा उन्होंने रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान बढ़े ताजा तनाव के बाद रूस किया है।

रूस ने ऐसा क्यों किया

पुतिन ने ऐसा इसलिए किया है कि रूस की नजर में मेटा (फेसबुक) एक आतंकवाद और चरमपंथ फैलाने वाली संस्था है। रूस ने मार्च में ही फेसबुक और इंस्टाग्राम पर पाबंदी लगा दी थी। यह पाबंदी चरमपंथी गतिविधियों के लिए लगाई गई थी। अब रूस ने फेसबुक को आतंकी संगठनों की सूची में डालकर बैन लगा दिया है। रूस का ये भी आरोप कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स रूस के खिलाफ दुष्प्रचार हो रहा है। रूस का आरोप था कि मेटा ने यूक्रेन में जारी उसके सैन्य अभियान के दौरान 'रूसोफोबिया' (Russophobia) को बर्दाश्त किया। रूस ने जहां क्रीमिया पुल पर हुए धमाके को आतंकी कदम बताया था और यूक्रेन पर बमों की बरसात की थी। इसके बाद यूक्रेन ने रूस को ही आतंकी देश करार दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन में मिसाइल हमलों के लिए सोमवार को रूस की निंदा की। उन्होंने कहा कि इन हमलों में नागरिकों को मारा गया और घायल किया गया। उन जगहों को तबाह कर दिया गया जिनका कोई सैन्य मकसद नहीं था।

फिलहाल, सच क्या है इस बात अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। न ही कोई ऐसी कोई सूचना है जिसे सही माना जा सके। इतना ही नहीं फेसबुक ने भी इसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। यानि लोगों को सच की जानकारी हासिल करने के लिए इंतजार करना होगा। 

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