Most Polluted Cities India: दुनिया के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में से 63 भारत में, दिल्ली बनी सबसे प्रदूषित हवा वाली राजधानी
Most Polluted Cities India: दिल्ली बन चुकी है दुनिया की सबसे प्रदूषित हवा वाली राजधानी और दुनिया के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में से 63 भारत में, इन शहरों में से आधे से अधिक बीजेपी शासित राज्यों – उत्तर प्रदेश और हरियाणा में स्थित...
महेंद्र पाण्डेय की टिप्पणी
Most Polluted Cities India: वायु प्रदूषण के सन्दर्भ में दुनिया के देशों में भारत पांचवें स्थान पर है, दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित हवा वाली राजधानी है और दुनिया के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में से 63 भारत में हैं, और इन शहरों में से आधे से अधिक बीजेपी शासित राज्यों – उत्तर प्रदेश और हरियाणा में स्थित हैं| यह निष्कर्ष स्विट्ज़रलैंड की संस्था आईक्यूएयर द्वारा प्रकाशित 2022 वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट (2022 World Air Quality Report by IQAir) में प्रकाशित किये गए हैं|
इस रिपोर्ट को वर्ष 2021 में दुनिया के 107 देशों में स्थित 6475 शहरों के वायु प्रदूषण के आंकड़ों के आधार पर तैयार किया गया है| वायु प्रदूषण का आकलन हवा में मौजूद पीएम2.5 कणों (PM2.5) की सांद्रता के सन्दर्भ में किया गया है| इस रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण के सन्दर्भ में बांग्लादेश सबसे प्रदूषित देश है, इसके बाद क्रम से चाड, पाकिस्तान, ताजीकिस्तान और फिर भारत का स्थान है|
पिछले लगातार चार वर्षों की तरह दिल्ली को फिर से दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी (Delhi has been declared most polluted capital for 4th consecutive year) का तमगा मिला है| इस क्रम में बांग्लादेश की राजधानी ढाका दूसरे स्थान पर है और तीसरे स्थान पर चाड की राजधानी न्ड्जामेना है| पर, दिल्ली दुनिया का चौथा सबसे प्रदूषित शहर है, जबकि ढाका का स्थान 28वां और न्ड्जामेना (N'Djamena) का स्थान 29वां है| रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है| यह हाल केवल दिल्ली का ही नहीं है, बल्कि चेन्नई को छोड़कर देश के सभी महानगरों का है|
सरकार भले ही ऐसी हरेक रिपोर्ट को खारिज करती हो, इसे देश के प्रति साजिश करार देती हो और प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में तमाम दावे करती हो, पर हाल में ही संसद में भी बताया गया है कि वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 के दौरान वायु प्रदूषण बढ़ गया है| संसद में दी गयी जानकारी के अनुसार दिल्ली में वर्ष 2020 में पीएम2.5 का औसत स्तर 139 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था, जो वर्ष 2021 में बढ़कर 168 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पहुँच गया|
यही हाल कोलकाता और मुंबई का भी है| कोलकाता में वर्ष 2020 में पीएम2.5 का औसत स्तर 74 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था, जो वर्ष 2021 में बढ़कर 83 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पहुँच गया| इसी तरह मुंबई में वर्ष 2020 में पीएम2.5 का औसत स्तर 20 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था, जो वर्ष 2021 में बढ़कर लगभग दोगुना, 39 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पहुँच गया|
इस रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के जिन 6475 शहरों में वायु प्रदूषण का अध्ययन किया गया है, उनमें से केवल 222 शहरों, यानि 3 प्रतिशत शहरों की हवा में पीएम2.5 की सांद्रता विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा निर्देश (WHO Guidelines) के अनुरूप थी| एशिया के 1887 शहरों में से महज 4 में ऐसी स्थिति थी| विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हवा में पीएम2.5 की सांद्रता 5 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए| किसी भे देश की हवा विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं मिली| दुनिया के 93 शहरों में, जिसमें अधिकतर शहर भारत में हैं, पीएम2.5 की सांद्रता विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों की तुलना में 10-गुनी से भी अधिक है|
रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान का औद्योगिक शहर भिवाड़ी दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है| इसके बाद क्रम से गाजियाबाद, होतान (चीन), दिल्ली, जौनपुर, फैसलाबाद (पाकिस्तान), नोएडा, बहावलपुर (पाकिस्तान), पेशावर (पाकिस्तान) और बागपत का स्थान है| दिल्ली के आसपास के शहरों में गाजियाबाद दूसरे स्थान पर, दिल्ली चौथे स्थान पर, नोएडा सातवें स्थान पर, फरीदाबाद बारहवें स्थान पर और ग्रेटर नॉएडा तेरहवें स्थान पर है| दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में से 5 अकेले उत्तर प्रदेश में हैं|
अपने देश में वायु प्रदूषण का किस तरह प्रभाव है और इस सन्दर्भ में सरकारी अकर्मण्यता इस रिपोर्ट से पूरी तरह उजागर होती है| दुनिया के सबसे प्रदूषित 10 शहरों में से 6, सबसे प्रदूषित 20 शहरों में से 15, सबसे प्रदूषित 30 शहरों में से 22, सबसे प्रदूषित 40 शहरों में 29, सबसे प्रदूषित 50 शहरों में से 36 और सबसे प्रदूषित 100 शहरों में से 63 भारत में स्थित हैं|
रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश का सबसे कम प्रदूषित शहर तमिलनाडू का अरियालुर शहर है – फिर भी वहां की हवा में पीएम2.5 की सांद्रता विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देश की तुलना में 3 गुना अधिक है|
साल-दर-साल हमारा देश प्रदूषण के सन्दर्भ में अव्वल करार दिया जाता है, सरकारें इन रिपोर्टों को बेशर्मी से सिरे से नकारने के अलावा कुछ नहीं करतीं| लोग प्रदूषण से मरते हैं, बीमार पड़ते हैं, देश को प्रतिवर्ष 150 अरब डॉलर का नुकसान प्रदूषण के कारण होता है – यह नरसंहार नहीं तो और क्या है?