Gujrat Assembly Election 2022: गुजरात चुनाव के पहले फेज में 57 % वोटिंग से किसे फायदा और किसका नुकसान, जानिए..

Gujrat Assembly Election 2022: गुजरात में आज गुरूवार पहले फेज की वोटिंग समाप्त हो गई है। 89 सीटों पर मतदाताओं ने कुल 788 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम (EVM) में कैद कर दिया है। पहले फेज में शाम पांच बजे तक कुल 57 फीसदी वोटिंग हुई है...

Update: 2022-12-01 14:06 GMT

Gujrat Assembly Election 2022: गुजरात चुनाव के पहले फेज में 57 % वोटिंग से किसे फायदा और किसका नुकसान, जानिए..

Gujrat Assembly Election 2022: गुजरात में आज गुरूवार पहले फेज की वोटिंग समाप्त हो गई है। 89 सीटों पर मतदाताओं ने कुल 788 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम (EVM) में कैद कर दिया है। पहले फेज में शाम पांच बजे तक कुल 57 फीसदी वोटिंग हुई है। मीडिया का कुछ धड़ा 59.2 प्रतिशत वोटिंग का भी दावा कर रहा है। 

पहले फेज में अगर 59.2 फीसदी वोटिंग का अनुमान भी अगर लगाकर चलें तो पिछली बार यानी 2017 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार आंकड़ा बेहद कम है। क्योंकि पिछले चुनाव में पहले फेज की वोटिंग 68 फीसदी हुई थी। राजनीतिक जानकार अब कम मतदान के मायने तलाशने में जुट गये हैं। 

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आज गुरूवार सुबह 8 बजे से शुरू हुई वोटिंग शाम पांच बजे समाप्त हुई। आखिर तक वोटिंग फीसदी में इजाफे की उम्मीद जताई जाती रही। जो मतदाता बूथ पर तय समय तक पहुंच चुके थे सिर्फ उन्हें ही नियमानुसार वोट डालने दिया गया है। छिटपुट घटनाओं को छोड़कर चुनाव शांतिपूर्व संपन्न हुआ।  

पहले फेज में दक्षिण गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र के मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है। आमतौर पर माना जाता है कि किसी चुनाव में कम मतदान से सत्ताधारी दल को फायदा होता है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कई बार वोटर्स जब सरकार के कामकाज से संतुष्ट होते हैं या वह परिवर्तन के पक्ष में नहीं होते हैं तो बूथ तक कम ही मतदाता जाता है। 

वहीं, वोटिंग फीसदी में इजाफे को परिवर्तन का संकेत माना जाता है। हालांकि, पक्के तौर पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। गुजरात में हुई कम वोटिंग किसके पक्ष में जाएगी और किसे इसका नुकसान उठाना पड़ेगा यह तो 8 दिसंबर को मतगणना के बाद ही तस्वीर साफ हो सकेगी। भाजपा 27 सालों से जारी शासन को कायम रखने की कोशिश में जुटी है तो कांग्रेस ने गांव-गांव जाकर अपने लिए तीन दशक का सूखा समाप्त करने की अपील की है। 

वहीं, इस बार दिल्ली से पंजाब के बाद गुजरात पहुंचे अरविंद केजरीवाल की अगुआई में आम आदमी पार्टी ने भी कई सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। साथ ही केजरीवाल ने परिवर्तन का दावा भी किया है। दुसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर को होनी है। जिसका परिणाम 8 दिसंबर को सामने आएगा। 182 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 92 सीटों की आवश्यकता है। 2017 में भाजपा ने 99 और कांग्रेस ने 77 सीटों पर कब्जा जमाया था। 

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