शराबबंदी वाले गुजरात में मात्र 3 हफ्ते में पकड़ी गयी 13.5 हजार करोड़ की अवैध शराब, मोदी के गुजरात मॉडल पर फिर उठ रहे सवाल

Gujrat Election 2022 : 7 नवम्बर से अभी तक महज तीन सप्ताह में राज्य से 13.5 हजार करोड़ रुपए की अवैध शराब पकड़ी जा चुकी है, इसकी अवैध तस्करी के सिलसिले में 29,800 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है....

Update: 2022-11-27 09:16 GMT

Gujrat Election 2022 : गुजरात विकास मॉडल की ब्रांडिंग करके केंद्र की सत्ता में आई मोदी शाह की जोड़ी के गृह राज्य गुजरात को नशाबंदी राज्य के रूप में भी जाना जाता है, लेकिन इसकी हकीकत को बताते हुए कहा जाता है कि शराब यहां सबसे सुलभ चीज है। शराबबंदी कानून में छेद होने के कारण शराब की तस्करी यहां सोना उगलने वाला कारोबार बना हुआ है।

इस अवैध काले कारोबार को राजनैतिक लोगों का संरक्षण बताया जाता है। हालांकि लम्बे समय से गुजरात की इस कथित नशाबंदी को एक मजाक के ही रूप में लिया जाता है, लेकिन इस साल होने वाले गुजरात राज्य के विधानसभा चुनाव से पहले जितने बड़े व्यापक पैमाने पर शराब की जब्ती कार्यवाही हो रही है, वह नशाबंदी की कड़वी सच्चाई से एक बार फिर रू—ब—रू करा रही है।

बता दें कि गुजरात में पिछले 27 सालों से भाजपा सत्ताीसन है। प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिए तीन सप्ताह पूर्व 7 नवम्बर को अधिसूचना जारी होने के साथ ही चुनावी बिगुल बज चुका है। इसी के साथ चुनाव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए असामाजिक तत्वों की धर पकड़ का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। चलाए जा इसी अभियान के तहत जगह जगह अवैध शराब की कई बड़ी खेप भी पकड़ने की सूचना आ रही है, जो शराबबंदी की पोल एक बार फिर खोलने के लिए पर्याप्त है।

विश्वास करने लायक बात नहीं होती, अगर सरकारी आंकड़े खुद चीख चीखकर यह नहीं बता रहे होते कि 7 नवम्बर से अभी तक (महज तीन सप्ताह में) राज्य से 13.5 हजार करोड़ रुपए की अवैध शराब पकड़ी जा चुकी है। इस शराब की अवैध तस्करी के सिलसिले में दो सौ कम तीस हजार (29,800) लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। वैसे यह अभियान केवल शराब को फोकस करके नहीं चलाया गया था। ऐसा समझिए कि पकड़ी गई शराब एक व्यापक अभियान का एक महज हिस्सा है, जिसके तहत विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने के अंदेशे में 10.5 हजार करोड़ रुपए की नगदी और ज्वैलरी भी जब्त की गई है। छिटपुट शराब जो पकड़ी गई है, उसके मामले में 24 हजार लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं और 51 हजार लोगों को अभी तक विभिन्न मामलों में हिरासत में लिया जा चुका है।

हालांकि गुजरात प्रशासन द्वारा चुनाव पूर्व की गई यह कार्यवाही अमूमन हर राज्य में होने वाली एक सामान्य प्रशासनिक कार्यवाही ही है, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर अवैध शराब की जब्ती, हजारों करोड़ नगदी का पकड़ा जाना और व्यापक गिरफ्तारियां भाजपा सरकार के पिछले 27 साल के राज के सुशासन की भी पोल खोल रही है।

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