'मैं चैन से जीना चाहता हूं, मैंने जो BJP के बारे में बोला उसे डिलीट कर दो, मेरी नौकरी जाने का है खतरा'
गुजराती युवा चाहे किसी भी धर्म संप्रदाय का हो, सरकार की नीतियों और खासकर भाजपा पर बात करने से बच रहे हैं, ऑफ कैमरा तो बहुत कुछ कहते हैं, मगर माइक सामने लाते ही मानो उनकी जुबान सिल जाती है, जिस युवा ने कैमरे के सामने कुछ कहने की हिम्मत भी दिखायी वह अब खुद को खतरा बता रहा है....
Gujrat Election 2022 : प्रधानमंत्री मोदी के गृहराज्य गुजरात में 2 दिन बाद पहले चरण का चुनाव है। पिछले 27 साल से यहां भाजपा का राज है, तो जाहिर सी बात है उसके सामने अपनी सीट बचाने की चुनौती बड़ी है। येन-केन-प्रकारेण भाजपा सत्ता में बने रहना चाहती है।
चुनावी कवरेज और जनता की मूड-मिजाज जानने के लिए जनज्वार की टीम भी गुजरात पहुंची है और तमाम ग्राउंड जीरो की वीडियो रिपोर्ट आपके साथ साझा कर चुके हैं। इनमें जो सबसे खास बात नजर आयी वह यह कि यहां युवा चाहे किसी भी धर्म संप्रदाय का हो, सरकार पर नीतियों पर बात करने से बच रहे हैं, ऑफ कैमरा तो बहुत कुछ कहते हैं, मगर माइक सामने लाते ही मानो उनकी जुबान सिल जाती है।
बड़ी हिम्मत करके जनज्वार से कुछ युवाओं ने भाजपा सरकार की नीतियों और नेताओं के रवैये समेत तमाम मसलों पर आन कैमरा बातचीत की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अब उनमें से एक होने का दावा करने वाला एक पी पंकज मयानी नाम का युवा लगातार जनज्वार को मैसेज भेजकर दबाव बना रहा है कि उस वीडियो को डिलीट कर दें।
ये है वो वीडियो जो फेसबुक पर हो रहा वायरल और जिसे डर के मारे डिलीट करवाना चाहता है गुजराती युवा
अपने मैसेज में पंकज मयानी नाम का यह युवा लिखता है, 'इस वीडियो के आने के बाद मुझे खतरा हो गया है। इसे डिलीट कर दीजिये, ये मेरा वीडियो है और मेरा रहना मुश्किल हो गया है। मेरी सोसायटी और मेरे आफिस में लोग सब पूछ रहे हैं मेरी नौकरी का सवाल है। मुझे शांति से जीना है, मुझे मेरा हक नहीं चाहिए।'
यह तो एक वीडियो है, जिसमें कही गयी उन बातों को यह युवा डिलीट करवाना चाहता है जो उसका सत्ता के खिलाफ गुस्सा है, मगर असल सवाल यह है कि आखिर वह इस वीडियो को डिलीट क्यों करवाना चाहता है। आखिर सही बातों को कहने पर किसी की नौकरी खतरे में या समाज कैसे विरोध कर सकता है। प्रजातांत्रिक देश में अपनी बात कहने का हक हर किसी को है, जिसका इस्तेमाल इस युवा ने भी किया है। अब आखिर कौन उसे डरा रहा है।
जहां तक गुजरात के युवा वर्ग की बात है तो बहुतायत कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। जनज्वार के तमाम वीडियो देखते हुए आपको यह बात महसूस भी होगी। सवाल है कि क्या असल में गुजरात का गुंडाराज वहां कायम है, जिसके बारे में एक युवा वीडियो में बोल भी रहा है कि जब गुंडे ही सत्ता में हैं तो आखिर गुंडागर्दी करेगा कौन? युवा वीडियो में न सिर्फ भाजपा नेताओं पर सवाल उठा रहा है, बल्कि कहता है कि गुजरात में मोदी की लोकप्रियता नहीं, बल्कि डर के मारे इस पार्टी को वोट दिये जाते हैं।
मोदी शाह समेत तमाम भाजपा नेताओं को गुंडा बताते हुए युवा कह रहा है कि बाबरी मस्जिद से लेकर गुजरात दंगों में तक इन्हीं का हाथ था। कुल मिलाकर यह युवा मोदी शाह को कटघरे में खड़ा कर रहा है, जो शायद भाजपामय होते माहौल में उसके आसपास की सोसायटी और कार्यालय कर्मियों को सहन नहीं हो रहा होगा, या फिर हो सकता है कि उसे डराया-धमकाया जा रहा हो, जिस कारण वह कह रहा है कि उसे खतरा है।
गुजरात में युवाओं की चुप्पी और इस तरह की खौफ के मसले पर भारतीय ट्राइबल पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह कहते हैं, यह एक बड़ा उदाहरण है जिससे समझा जा सकता है कि पार्टी विशेष का डर किस तरह युवाओं में पैठ कर गया है। जब एक हिंदू युवा भाजपा के खिलाफ बोलने के बाद वीडियो हटाने की गुजारिश कर रहा है तो मुस्लिम युवाओं की जुबान तो खुद ब खुद सिल जायेगी। देखा जाये तो इस तरह युवाओं में जो खौफ का माहौल है इसके लिए सीधे तौर पर इलेक्शन कमीशन और राज्य में सत्तासीन भाजपा सरकार जिम्मेदार है, जो युवाओं को यह तक आश्वासन नहीं दे पा रहे कि हम प्रजातांत्रिक देश में रहते हैं, जहां हर किसी को अपनी बात कहने का हक है।'
एक बड़ी बात यह कि जो शख्स वीडियो डिलीट करने का दबाव जनज्वार पर डाल रहा है वह मुस्लिम नहीं हिंदू है। शायद हिंदू होने के कारण ही वह आन कैमरा इतना बोलने का साहस भी कर पाया, वरना मुस्लिम और दलित युवा तो जुबान सिल कर बैठे हुए हैं।
इस घटना से समझ सकते हैं कि किस तरह भाजपा यानी सत्तासीन पार्टी की आलोचना करने वाले युवाओं को किस तरह धमकियां मिल रही हैं और जान का भी खतरा बन रहा हो।