जानिये क्या हैं पेन किलर दवायें और इनका ज्यादा इस्तेमाल कैसे डालता है हमारे शरीर पर दुष्प्रभाव !

दर्द निवारक दवाओं का ज़्यादा इस्तेमाल करने से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। इनमें किडनी और लिवर की समस्या, पेट की समस्याएं, हृदय संबंधी समस्याएं और लत लगना जैसी समस्याएं शामिल हैं...;

Update: 2025-02-11 16:39 GMT
जानिये क्या हैं पेन किलर दवायें और इनका ज्यादा इस्तेमाल कैसे डालता है हमारे शरीर पर दुष्प्रभाव !

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Painkiller medicines : पेन किलर या दर्द निवारक दवाएं आमतौर पर हमारे शरीर में होने वाले किसी भी प्रकार के दर्द के इलाज के लिए उपयोग की जाती है।बाजार में बड़ी संख्या में पेन किलर उपलब्ध हैं और वे कई अलग-अलग ब्रांड नामों और भिन्न-भिन्न रूपों में आती है।पेन किलर दवाओं को निम्नलिखित तरह से लिया जा सकता है -

मुंह से तरल पदार्थ या गोली या कैप्सूल के रूप में,इंजेक्शन द्वारा, सपोजिटरी (बेलनाकार आकार में तैयार की गयी एक ठोस दवा जो गुदा द्वार या योनिद्वार के माध्यम से अंदर डाली जाती है जो घुलनशील होती है) के रूप में गुदाद्वार के माध्यम से। कुछ दर्दनाशक दवाएं क्रीम, मलहम या पैच (चकती) के रूप में भी उपलब्ध हैं।

प्रिस्क्रिप्शन से दी जाने वाली पेन किलर बहुत शक्तिशाली दवाएं होती हैं, जो हमारे तंत्रिका तंत्र में तंत्रिका द्वारा भेजे जाने वाले सिग्नल के संचरण में हस्तक्षेप करती हैं, तंत्रिका सिग्नल या संकेत से ही हमें दर्द का अहसास होता है।अधिकांश दर्दनाशक दवाएं मस्तिष्क के खुशी से जुड़े हिस्सों को भी उत्तेजित करती है।

दर्द हल्का, मध्यम या गंभीर हो सकता है। दर्द के स्तर के आधार पर दर्द निवारक का उपयोग करके इसका इलाज किया जा सकता है। आपके डॉक्टर आपके दर्द का आकलन करते हैं और इसे नियंत्रित करने के लिए दर्द निवारक निर्धारित करते हैं।

पेन किलर के प्रकार

गैर-ओपियोइड एनल्जेसिक (दर्द निवारक)-पैनाडो और टायलेनोल पेरासिटामोल के प्रसिद्ध ब्रांड नाम हैं। पेरासिटामोल के मुख्य आकर्षणों में से एक यह है कि इससे साइड इफेक्ट्स बहुत कम होते हैं और किसी भी मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिल जाती है।

गैर-स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स (NSAIDs)- पेन किलर का यह समूह हल्के से मध्यम दर्द और बुखार तथा सूजन के खिलाफ प्रभावी होता है। इसलिए इन्हें दांत दर्द, मासिक धर्म में दर्द, सिरदर्द, हड्डियों का दर्द, ट्रामा, गठिया और कई अन्य लक्षणों के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। "गैर-स्टेरॉयडल" का अर्थ है कि वे स्टेरॉयड नहीं हैं (यानी वे "कोर्टिसोन" परिवार से संबंधित नहीं हैं)। "एंटी-इंफ्लैमेटरी" का अर्थ है कि वे सूजन के खिलाफ प्रभावी हैं। एस्पिरिन, इबुप्रोफेन (ओटीसी के रूप में उपलब्ध), नेप्रोक्सेन, डाइक्लोफेनाक (केवल प्रिस्क्रिप्शन पर उपलब्ध) गैर-स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स के कुछ उदाहरण हैं।

ओपियोइड एनल्जेसिक- ओपियोइड हमारे शरीर में विशिष्ट ओपियोइड रिसेप्टर्स पर काम करते हैं,जो मुख्य रूप से मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में स्थित होते हैं। लंबे समय से हो रहे दर्द के इलाज में कई ओरल ओपियोइड का उपयोग किया जाता है। ओपियोइड के प्रसिद्ध उदाहरण में कोडेन, मॉर्फिन और पेथिडाइन शामिल हैं।

कंपाउंड एनल्जेसिक

ओपियोइड को अन्य पेन किलर जैसे पैरासिटामोल और गैर-स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स के साथ मिश्रण में देने से विभिन्न रिसेप्टर्स में होने वाले दर्द पर असर होता है। इससे अक्सर आपकी ओपियोइड आवश्यकता 30% तक कम हो जाती है, जिससे दर्द में सुधार होता है और साइड इफेक्ट्स का जोखिम कम हो जाता है।

पेनकिलर (दर्द निवारक) दवाओं के खतरे !

दर्द निवारक दवाओं का ज़्यादा इस्तेमाल करने से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। इनमें किडनी और लिवर की समस्या, पेट की समस्याएं, हृदय संबंधी समस्याएं और लत लगना जैसी समस्याएं शामिल हैं।

दर्द निवारक दवाओं के दुष्प्रभाव

लंबे समय तक दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल करने से किडनी, लिवर, हृदय और रक्त संचार में समस्याएं हो सकती हैं। इससे पेट की समस्याएं हो सकती हैं। यह बेहोशी, उनींदापन या धुंधली सोच का कारण बन सकती हैं।

भ्रमित, विचलित या बस विचलित हो जाना, पुतलियाँ फैलना या सिकुड़ जाना, वज़न में बदलाव और आँखों का लाल या चमकीला हो जाना इत्यादि दर्द निवारक दवाओं के दुष्प्रभाव हैं, इसलिए जितना संभव हो उतना दर्द निवारक दवाओं से बचना चाहिए। (हील इनिशिएटिव)

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