Cow Urine : इंसानों के लिए बहुत खतरनाक है गौमूत्र : रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

दावा किया जाता रहा है कि गोमूत्र तमाम रोगों का नाश करता है, इतना ही नहीं कोरोना के चरम काल में हमारे देश में गोमूत्र पार्टियां तक आयोजित की गयी थीं, योगगुरु रामदेव तो आयुर्वेदिक औषधि के नाम पर गोमूत्र का धंधा ही करते हैं....

Update: 2023-04-11 12:25 GMT

कोरोना काल में गोमूत्र और गोबर का खूब किया था जनता ने इस्तेमाल

Cow Urine : कोरोना की पहली लहर के वक्त गोमूत्र से कोरोना भगाने का न सिर्फ दावा किया गया था, बल्कि कहा गया था कि गोमूत्र तमाम रोगों का नाश करता है। इतना ही नहीं गोमूत्र पार्टियां तक आयोजित की गयी थीं। योगगुरु रामदेव तो आयुर्वेदिक औषधि के नाम पर गोमूत्र का धंधा तक करते हैं। अब इस गोमूत्र के बारे में जो रिसर्च में जो सामने आया है, उससे साबित हो गया है कि गौमूत्र के बारे में जो दावा किया जाता है, वह बिल्कुल झूठ है।

कोरोना के नाम पर फैलाए जा रहे अंधविश्वासों के खिलाफ 400 वैज्ञानिकों ने लिया मोर्चा

गौमूत्र को लेकर भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (Indian Veterinary Research Institute) की जो नई रिसर्च सामने आई है, उसमे मुताबिक दावा किया गया है कि गौमूत्र मनुष्य के लिए बहुत हानिकारक है, इसका सीधे सेवन करने से बचना चाहिए। शोध में इससे बढ़कर जो बात सामने आयी है कि जिस भैंस को हिंदू धर्म में अशुद्ध माना जाता है और गाय को श्रेष्ठ, उस भैंस का मूत्र गौमूत्र से कहीं ज्यादा श्रेष्ठ और है।

गौरतलब है कि जब 2020 में कोरोना ने दुनियाभर में तबाही मचानी शुरू की थी तो हमारे देख में गौमूत्र का प्रचार जोर शोर से शुरू हुआ था। गौमूत्र पर तब 500 वैज्ञानिकों के समूह इंडियन साइंटिस्ट्स रिस्पोंस टू कोविड 19 ने तब इस अंधविश्वास को मिटाने के लिए जागरुकता फैलाने का काम किया था कि कोरोना का विषाणु गौमूत्र से खत्म हो जाता है। 500 वैज्ञानिकों ने मोदी सरकार को पत्र लिखा था कि गोबर-गोमूत्र के औषधीय गुणों का प्रचार बंद करें।

500 वैज्ञानिकों ने मोदी सरकार को लिखा, बंद कराओ गोबर-गोमूत्र के 'औषधीय' गुणों का प्रचार

अब भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) ने दावा किया है कि गोमूत्र में संभावित रूप से हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं, जिनका सेवन करने से इंसान के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है, इसलिए किसी भी व्यक्ति को सीधे गाय का गोमूत्र पीने से बचना चाहिए, जो उनको बीमार कर सकता है।

साथ ही इस रिसर्च रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि गाय नहीं भैंस का मूत्र ज्यादा प्रभावी है। IVRI में पीएचडी कर रहे छात्रों के साथ संस्थान के भोज राज सिंह के नेतृत्व में किए गए अध्ययन के मुताबिक गाय और सांड के मूत्र में एस्चेरिचिया कोलाई की उपस्थिति के साथ करीब 14 प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं, जो पेट में संक्रमण का कारण बन सकते हैं, इसलिए किसी को भी सीधे इससे बचना चाहिए।

टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए भोज राज सिंह ने जो बताया उसके मुताबिक उनकी स्टडी में गाय, भैंस और मनुष्यों के कुल 73 नमूने लिए गए थे। इन नमूनों का विश्लेषण करने पर पता चला कि गाय की तुलना में भैंस का मूत्र ज्यादा लाभकारी है। जिस तरह के परिणाम सामने आए हैं उस स्थिति में किसी भी हाल में मनुष्यों के लिए गौमूत्र की सिफारिश नहीं की जा सकती है। हालांकि, इसे लेकर हम और रिसर्च कर रहे हैं।

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