पैसे का लालच दे बांदा के 22 मजदूरों को लाया गया ईंट भट्टे पर, डरा-धमकाकर करायी जा रही थी बंधुआ मजदूरी

Mau News : काम के बहुत बुरे हालातों को देखकर जब मजदूरों ने कहा कि हम यहाँ कार्य नहीं करेंगे, एडवांस रुपये वापिस ले लो और सभी को वापिस घर भिजवा दीजिये, तो भट्टा मालिक और ठेकेदार ने मजदूरों की बात नहीं सुनी। मजदूरों को डरा धमकाकर ईंट भठ्ठा मालिक ने जबरन रोके रखा और काम कराता रहा...

Update: 2023-12-06 11:37 GMT

Mau News : कल 5 दिसंबर को बांदा के 23 बाल एवं बंधुआ मजदूरों को यूपी के मऊ जनपद से मुक्त कराया गया है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक इन मजदूरों जिनमें महिलायें और बच्चे भी शामिल हैं, को पैसे का लालच देकर ईंट भट्टे पर लाया गया था और बाद में डरा-धमकाकर काम कराया जा रहा था। असंगठित मजदूर मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दलसिंगार के पास एक बंधुआ मजदूर के पहुंचने के बाद मामला सामने आया और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद 23 बंधुआ मजदूर ईंट भट्टा मालिक के बंधन से मुक्त हो पाये और आज 6 दिसंबर को सभी मजदूर बांदा जनपद स्थित बबेरू तहसील के अपने गांव परसौली पहुंच चुके हैं।

जानकारी के मुताबिक 29 नवंबर को दल सिंगार से दलित जाति से संबंध रखने वाले 45 वर्षीय मजदूर रामफल पुत्र खूबी जोकि मूल रूप से बांधा जिला स्थित बबेरू पहसील के परसौली का रहने वाला है, ने संपर्क किया। उसने बताया कि वह एक अन्य बंधुआ मजदूर के साथ किसी तरह ईंट-भठ्ठा मालिक से जान बचाकर भागकर आया है और उसके कई अन्य साथियों से जबरन काम करवाया जा रहा है।

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बकौल पीड़ित मजदूर रामफल ईंट भट्टा- अंकुर ब्रिक फील्ड में उन्हें पैसे का लालच देकर ले जाया गया था। यह ईंट भट्टा मऊ जनपद के रामपुर धनौली, (नई बाजार) दोहरीघाट में है। ईंट पथाई के लिए इसी साल अक्टूबर में कर्ज/एडवांस और अग्रिम रुपये का लालच देकर 5 परिवारों के कुल 22 बाल एवं बंधुआ मजदूरों को कार्य कराने के लिए ठेकेदार दीपक कुमार और ईंट भट्टा मालिक अंकुर अपने साथ लेकर गये थे।

रामफल कहता है, जैसे ही हम सभी मजदूर कार्यस्थल पर पहुँचे तो पाया कि कार्यस्थल पर बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थी। काम के बहुत बुरे हालातों को देखकर जब मजदूरों ने कहा कि हम यहाँ कार्य नहीं करेंगे, एडवांस रुपये वापिस ले लो और सभी को वापिस घर भिजवा दीजिये, तो भट्टा मालिक और ठेकेदार ने मजदूरों की बात नहीं सुनी। मजदूरों को डरा धमकाकर ईंट भठ्ठा मालिक ने जबरन रोके रखा और काम कराता रहा। बच्चों से भी ईंट भट्टा मालिक खूब काम करवाता था।

दलसिंगार कहते हैं बंधुआ मजदूरों को छुड़वाने के लिए मऊ के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, उप श्रमायुक्त मण्डल आजमगढ़, सहायक श्रमायुक्त मऊ, के अलावा श्रम आयुक्त कानपुर, मुख्य सचिव लखनऊ से भी निवेदन किया गया था। जिलाधिकारी बांदा,राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली को बंधुआ मज़दूरी प्रथा (उन्मूलन) अधिनियम, 1976, अनुसूचित जाति, अत्याचार निरोधक, अधिनियम, 1989 एवं न्यूनतम मज़दूरी अधिनियम, 1948 तथा मानव तस्करी के तहत कार्यवाही कर 22 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराने के लिए पत्र भेजा गया, जिसके बाद 5 दिसंबर को सभी बाल एवं बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया गया, लेकिन अभी भी जिला प्रशासन मऊ द्वारा मुक्ति प्रमाणपत्र नहीं दिया गया है, और हम इसके लिए प्रयासरत हैं।

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दल सिंगार कहते हैं, हमारे देश में बाल मजदूरी, बंधुआ मजदूरी अभी भी बरकरार है। बुंदेलखंड के मजदूरों की स्थिति दिन पर दिन दयनीय होती जा रही है, लेकिन प्रशासन इन मजदूरों के लिए कुछ भी नहीं कर रहा है, जबकि मजदूरों के पलायन रोकने एवं स्थानीय रोजगार के सृजन के लिए स्थानीय प्रशासन एवं सरकार को कई बार पत्र के माध्यम से ध्यान आकृष्ट कराया जा चुका है। शासन—प्रशासन इनके पलायन एवं स्थानीय रोजगार के लिए कुछ भी नहीं कर रहे हैं। आज भी लाखों मजदूर बंधुआ मजदूरी का जीवन यापन करने को मजबूर हैं और सरकारें अपना पीठ थपथपाती हैं कि देश का विकास हो रहा, देश तरक्की पर है। जिस देश में लाखों मजदूर- बंधुआ मजदूरी जीवन जीने को मजबूर हैं, लाखों बच्चे- बच्चियाँ शिक्षा से दूर हैं, अधिकतर वंचित समुदाय के पास आज भी रहने के लिए खुद की जमीन नहीं, उनके पास रोजगार नहीं हैं, फिर सरकार कह रही है देश तरक्की पर है।

मुक्त कराये गये 22 बंधुआ मजदूर

1. रविकरन पुत्र बाबूलाल उम्र-30 वर्ष, परसौली, बबेरू, बांदा, उत्तर प्रदेश

2. मनोज कुमारी पत्नी रविकरन, उम्र- 28 वर्ष

3. रेखा पुत्री रविकरन, उम्र-11 वर्ष

4. जितेंद्र पुत्र रविकरन, उम्र- 9 वर्ष

5. पूजा पुत्र रविकरन, उम्र- 7 वर्ष

6. धर्मेंद्र पुत्र रविकरन, उम्र- 5 वर्ष

7. अमर पुत्र रविकरन, उम्र- 2 वर्ष

8. राकेश पुत्र राय किशोर, उम्र-27 वर्ष, गांव- मझला, बबेरू, बांदा, उत्तर प्रदेश

9. सीता देवी पत्नी राकेश, उम्र-26 वर्ष

10. आज़ाद पुत्र राकेश, उम्र- 10 वर्ष

11. सुरेश कुमार पुत्र राकेश, उम्र- 5 वर्ष

12. सत्रोहन पुत्र किशना, उम्र- 35 वर्ष, परसौली, बबेरू, बांदा, उत्तर प्रदेश

13. श्यामकली पत्नी सत्रोहन, उम्र- 33 वर्ष

14. पियारिया देवी पत्नी किशना, उम्र- 62 वर्ष

15. रोहित पुत्र सत्रोहन, उम्र-12 वर्ष

16. आशीष पुत्र सत्रोहन उम्र-10 वर्ष

17. विकास पुत्र सत्रोहन, उम्र-8 वर्ष

18. लक्ष्मी पुत्री सत्रोहन, उम्र- 6 वर्ष

19. बिंदा पुत्र सुखराज, उम्र- 36 वर्ष, परसौली, बबेरू, बांदा, उत्तर प्रदेश

20. प्रीति पुत्री बिंदा, उम्र-17 वर्ष

21. श्रीराम पुत्र बिंदा, उम्र-14 वर्ष

22. पिंकी पुत्री बिंदा, उम्र- 8 वर्ष

23. रामफल पुत्र खुबी उम्र - 45 वर्ष, परसौली, बबेरू, बांदा, उत्तर प्रदेश

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