हरियाणा के भिवानी ईंट-भट्टे से मुक्त कराये गये 50 बंधुआ मजदूर, महिलाओं से छेडखानी करता था मालिक, मजदूरों को नहीं दिया गया वेतन

Haryana news : मालिक द्वारा मजदूरों से मारपीट की जाती और मजदूरों की पत्नियां जो साथ में काम करती थी उनसे छेड़खानी भी की जाती थी, महिला मजदूरों की शिकायत है कि उनको अकेला पाकर गन्दे इशारे और गन्दे तरीके से मालिकान और मुंशी द्वारा छुआ जाता था और विरोध करने पर मारपीट की जाती थी...

Update: 2023-03-27 11:34 GMT

Haryana news : उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के 50 बंधुआ मजदूरों को ईंट भट्टा मालिक के चंगुल से मुक्त कराया गया है। जानकारी के मुताबिक धीराना मोड, गांव धीराना कलां, तहसील.भिवानी, जिला भिवानी, .हरियाणा के बांके बिहारी नामक ईंठ भट्टे पर ये बंधुआ मजदूर पिछले पांच माह से कार्य कर रहे थे। बांके बिहारी ईंठ भट्टा मालिक नीटु शर्मा व राजेश शर्मा पुत्र महावीर शर्मा तथा मुंशी द्वारा मजदूरों से बंधुआ मजदूरी करायी जा रही थी।

जानकारी के मुताबिक मालिक द्वारा मजदूरों से मारपीट की जाती और मजदूरों की पत्नियां जो साथ में काम करती थी उनसे छेड़खानी भी की जाती थी। महिला मजदूरों की शिकायत है कि उनको अकेला पाकर गन्दे इशारे और गन्दे तरीके से मालिकान और मुंशी द्वारा छुआ जाता था और विरोध करने पर मारपीट की जाती थी।

मुक्त हुए बंधुआ मजदूरों के मुताबिक वे ईंट भट्टा मालिकान के जुल्मों से तंग आकर अपने घर वापस लौटनो चाहते थे, मगर मालिक किसी को भी घर नही जाने दे रहा है। बंधुआ मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय कार्यालय जंतर मंतर दिल्ली में फोन कर एक मजदूर ने लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि मजदूरों को न सिर्फ धमकी दी जाती थी, बल्कि ईंट भट्टा मालिक के गुर्गे उनके साथ मारपीट भी करते थे। मजदूरों को मालिक द्वारा धमकाया जाता था कि अगर किसी ने भी यहां से जाने की कोशिश की तो मैं तुम लोलों को यहीं भट्टे में जलाकर मार दूंगा। मजदूरों की शिकायत के मुताबिक ईंट भट्टा मालिक न तो उनकी मजदूरी दे रहा है और न ही खाने पीने का खर्चा दे रहा है और न ही उनके रहने की कोई व्यवस्था है। मजदूरों के छोटे-छोटे बच्चे हैं। इन मजदूरों के साथ कभी भी कोई भी घटना घट सकती है।

जब मजदूरों के उत्पीड़न की शिकायत बंधुआ मुक्ति मोर्चा को मिली तो प्रशासन के पास शिकायत की गयी। जिलाधिकारी नरेश नरवाल, भिवानी, हरियाणा और भिवानी एसडीएम संदीप अग्रवाल की जानकारी में प्रकरण आया। शिकायत के बाद उप जिलाधिकारी संदीप अग्रवाल ने श्रम अधिकारी व थानाधिकारी भिवानी समेत विजिलेंस की टीम को मौके पर भेजा। जांच के बाद पाया गयाकि मजदूरों से बंधुआ मजदूरी करायी जा रही थी। विजिलेंस टीम ने बांके बिहारी ईट भट्टा से सभी बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराकर उनके चित्रकूट स्थित उनके गांवों बारामाफी, बीरा और भैसौन्धा के लिए रवाना कर दिया।

उप जिलाधिकारी संदीप अग्रवाल जी ने बंधुआ मुक्ति मोचा कार्यकर्ता सोनू तोमर को मजदूरों के बकाया वेतन की जांच कर पूर्ण भुगतान कराने का आश्वासन दिया। बंधुआ मुक्ति मोर्चा ने प्रशासन से मांग की है कि ईंट भट्टा मालिक के विरुद्ध बंधुआ मजदूरी उन्मूलन अधिनियम 1976 एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम 1989 न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत की कार्रवाई की जाये और कड़ी सजा दी जाये।

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