UP में शिक्षक भर्ती समेत 6 लाख पद रिक्त, युवाओं ने सीएम योगी से की तत्काल चयन प्रक्रिया प्रारंभ करने की मांग
उत्तर प्रदेश में शिक्षित युवा वर्ग बेरोजगारी की भयावह पीड़ा से गुजरने को मजबूर हैं। ऐसे स्थिति में जब प्रदेश के शिक्षा, पुलिस जैसे अन्य विभागों में 6 लाख पद रिक्त पड़े हों, यह दुर्भागपूर्ण और अन्यायपूर्ण है...
Lucknow news : युवा शक्ति संगठन सहित 113 संगठनों के गठबंधन से बनाए गए संयुक्त युवा मोर्चा द्वारा यूपी में तत्काल परिषदयीय विद्यालय में रिक्त 1 लाख 26 हजार शिक्षक पद, टीजीटी पीजीटी के विज्ञापन में सभी 16730 रिक्त पदों व तदर्थ के पदों पर तत्काल चयन प्रक्रिया शुरू करने की मांग की गयी है।
इसके अलावा युवा शक्ति संगठन के संयोजक गौरव सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हमारी मांग है कि लंबित पड़े शिक्षा सेवा आयोग के गठन प्रस्ताव को इस मानसून सत्र में प्राथमिकता से पारित कराया जाए। आज 2 अगस्त को संयुक्त युवा मोर्चा के सहयोगी संगठन युवा मंच और अन्य शिक्षक भर्ती संगठनों ने राजेश सचान के नेतृत्व में प्रयागराज स्थित पत्थर गिरजाघर धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रोजगार अधिकार के लिए आवाज़ बुलंद की गयी।
प्रदेश में परिषदीय विद्यालय में रिक्त शिक्षक पदों सहित असिस्टेंट प्रोफ़ेसर भर्ती परीक्षा कराने, पुलिस के प्रस्तावित 52 हजार, तकनीकी संवर्ग में रिक्त पड़े एक लाख पदों समेत कुल 6 लाख से ज्यादा रिक्त पद रिक्त पड़े हैं, जिसे तत्काल पारदर्शी एवं नकल विहीन चयन प्रक्रिया द्वारा शुरू किया जाए और आम चुनावों के पहले इसे पूरा किया जाए।
संगठन पदाधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में शिक्षित युवा वर्ग बेरोजगारी की भयावह पीड़ा से गुजरने को मजबूर हैं। ऐसे स्थिति में जब प्रदेश के शिक्षा, पुलिस जैसे अन्य विभागों में 6 लाख पद रिक्त पड़े हों, यह दुर्भागपूर्ण और अन्यायपूर्ण है। हम प्रदेश सरकार से तत्काल प्रदेश के समस्त विभागों में रिक्त पदों का आंकड़ा जारी करने और समयबद्ध चयन प्रक्रिया शुरू करने की मांग करते हैं।
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी को प्रेषित ज्ञापन में चालू मानसून सत्र में रोजगार अधिकार विधेयक लाने, सार्वजनिक क्षेत्र में एक करोड़ रिक्त पदों को भरने व रोजगार संकट हल के लिए प्रभावी कदम उठाने, आउटसोर्सिंग/संविदा व्यवस्था खत्म करने, रेलवे, बैकिंग, बीमा, शिक्षा-स्वास्थ्य, बिजली-कोयला जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निजीकरण पर रोक और रोजगार सृजन हेतु संसाधनों को जुटाने के लिए ऊपर के एक फीसद अमीरों पर संपत्ति व उत्तराधिकार जैसे टैक्स लगाने जैसे सवालों को उठाया गया। इसके अलावा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों के जारी दमन पर रोक लगाने के लिए हस्तक्षेप की अपील की गई। इविवि के छात्रों ने भी राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भेज कर उन्हें अवगत कराया कि विश्वविद्यालय में अघोषित आपातकाल है, मांग की कि छात्रों का उत्पीड़न बंद किया जाए।
वक्ताओं ने कहा कि मोदी-योगी सरकार सिर्फ प्रोपैगैंडा में लगी है। प्रदेश व देश में अभूतपूर्व रोजगार संकट है, लेकिन इसके हल के लिए सरकार कतई गंभीर नहीं है, इसका खामियाजा भाजपा को आम चुनावों में भुगतना पड़ेगा। विपक्षी दलों से भी रोजगार के सवाल को अपने कार्यक्रम में शामिल करने और संसद व विधानसभा में उठाने की अपील की गई।
संयुक्त युवा मोर्चा के देशव्यापी रोजगार अधिकार अभियान के तहत हुए प्रदर्शन का नेतृत्व युवा मंच संयोजक राजेश सचान, अध्यक्ष अनिल सिंह, रजत सिंह व ई. राम बहादुर पटेल ने किया। दिल्ली से संयुक्त युवा मोर्चा के केंद्रीय टीम के सदस्य रजत यादव व युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष गोविंद मिश्रा, आइसा के इविवि के छात्र नेता मनीष कुमार, शिक्षक भर्ती आंदोलन के नीतेश पांडेय ने धरना प्रदर्शन में शामिल होकर समर्थन दिया।
प्रदर्शन में युवा मंच संयोजक राजेश सचान, अध्यक्ष अनिल सिंह, युवा हल्ला बोल के गोविंद मिश्रा, संयुक्त युवा मोर्चा के रजत यादव, प्रशिक्षित मोर्चा के अध्यक्ष रजत सिंह, ई. राम बहादुर पटेल, शीतला प्रसाद ओझा,सुनील यादव, मयंक यादव, आकाश दीप, अतुल , प्रमोद दुबे, राजेश पांडेय, कृष्ण कुमार, विजय यादव, अविनाश देव पटेल, पंकज सिंह, नीतेश पांडेय, लवकुश मौर्या, विनोद कुमार, अनिल पाल, उदय राज यादव समेत सैकड़ों छात्र शामिल रहे।