Adani-Ambani Group Agreement : अडानी ग्रुप और मुकेश अंबानी की रिलायंस के बीच 'नो पोचिंग एग्रीमेंट', एक दूसरे के कर्मचारियों को नहीं देंगे नौकरी
Adani-Ambani Group Agreement : गौतम अडानी के नेतृत्व वाली अडानी ग्रुप और मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 'नो पोचिंग एग्रीमेंट' साइन किया है, अब दोनों कंपनियां एक-दूसरे के कर्मचारियों को अपनी कंपनियों में नौकरी नहीं दे पाएंगी...
Adani-Ambani Group Agreement : गौतम अडानी के नेतृत्व वाली अडानी ग्रुप और मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 'नो पोचिंग एग्रीमेंट' साइन किया है। बता दें कि इस एग्रीमेंट के तहत अब दोनों कंपनियां एक-दूसरे के कर्मचारियों को अपनी कंपनियों में नौकरी नहीं दे पाएंगी। यह समझौता दोनों अडानी ग्रुप और रिलायंस ग्रुप के सभी व्यवसायों पर लागू होगा। यानी अब रिलायंस ग्रुप की किसी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को अडानी ग्रुप में और अडानी ग्रुप के किसी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को रिलायंस ग्रुप के किसी कंपनी में नौकरी नहीं मिलेगी। बता दें कि बिजनेस इनसाइडर ने यह रिपोर्ट दी है।
बड़े कारोबारी एक-दूसरे के समूह में कर रहे हैं प्रवेश
अहम बात यह है कि ये दोनों बड़े कारोबारी समूह अब एक-दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। बता दें कि पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में रिलायंस ग्रुप बादशाह माना जाता है लेकिन पिछले वर्ष अडानी समूह ने अडानी पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के साथ पेट्रोकेमिकल के क्षेत्र में प्रवेश करने की घोषणा की। वहीं डेटा सेवाएं जहां पर रिलायंस की बड़ी उपस्थिति है, वहां भी अडानी ग्रुप ने 5G स्पेक्ट्रम की बोली लगाकर प्रवेश की घोषणा की।
जानिए क्या है 'नो पोचिंग एग्रीमेंट'
जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारत में 'नो पोचिंग एग्रीमेंट' कोई नई बात नहीं है और तेजी से प्रचलित हो रहा है। इसकी बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि ज्यादा काबिल लोगों की कमी बढ़ रही है और कंपनियों को वेतन-भत्ते भी ज्यादा देना पड़ रहा है, इसलिए कंपनियां चाहती हैं कि टैलेंट पर जो निवेश किया गया, उसका अधिक से अधिक समय तक फायदा लिया जाए। मेडीअ रिपोर्ट्स के अनुसार कानूनी पहलू की बात की जाए तो जानकारों का कहना है कि भारत में नो पोचिंंग एग्रीमेंट गैरकानूनी नहीं है। शर्त यह है कि यह किसी व्यक्ति के रोजगार पाने के अधिकार को सीमित नहीं करता हो।
टेलेंट वॉर को रोकने के लिए किया गया समझौता
अडानी समूह रिन्यूएबल ऊर्जा, बिजली उत्पादन और वितरण, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, सौर और प्राकृतिक संसाधनों के खनन के क्षेत्र में लगातार निवेश बढ़ा रहा है। अडानी समूह पेट्रोकेमिकल्स और एंटरप्राइज ब्रॉडबैंड स्पेस में भी हाथ आजमा रही है। उसने हाल ही में 212 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम हासिल किया है।
Reliance Jio Infocomm 426 मिलियन के सब्सक्रिप्शन बेस के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर है और 5G स्पेक्ट्रम के लिए सबसे बड़ी बोली लगाने वाले के रूप में उभरा है। दरअसल दोनों समूह ने ये एग्रीमेंट इसलिए किया है जिससे कंपनियों से बीच टैलेंट वॉर को रोका जा सके। दूसरी ओर रिलायंस की न्यू एनर्जी और सौर क्षेत्र में भी बड़ी महत्वाकांक्षाएं हैं, जहां गौतम अडानी पहले से बढ़त बनाए हुए हैं। यह देखते हुए कि दोनों समूह कई क्षेत्रों में मौजूद हैं, जहां भारत में प्रतिभा दुर्लभ है, यह समझौता टैलेंट के लिए वॉर को रोकने में मदद कर सकता है।