अकबरनगर से उजाड़े जाने के बाद बेरोजगार हुआ शख्स तो कर ली आत्महत्या, माले ने योगी सरकार को ठहराया मौत का जिम्मेदार
वसंतकुंज में शिफ्ट हुए परिवारों से ताल्लुक रखने वाले लोगों का कहना है कि पहले भी वहां कई मौतें हो चुकी हैं। बुलडोजर का दंश झेल रहे प्रभावित परिवारों की आर्थिक स्थिति को ठीक करने पर ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में इस तरह की और भी घटनाएं हो सकती हैं...
लखनऊ। लखनऊ के अकबरनगर पर बुलडोजर चलने के बाद बेरोजगार हुए एक शख्स द्वारा आत्महत्या की खबर सामने आयी। इसके लिए भाकपा (माले) ने प्रदेश की योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी ने घटना पर गहरा दुख प्रकट करते हुए सरकार से बुलडोजर अभियान को रोकने, विस्थापित परिवारों की आजीविका की व्यवस्था करने, मृतक शख्स अजीज के परिवार को मुआवजा व सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
राज्य सचिव सुधाकर यादव का कहना है कि योगीद सरकार ने पुनर्वास के नाम पर कुछ परिवारों को वसंतकुंज में किश्त पर घर देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है। गरीब परिवारों की आजीविका कैसे चलेगी, उनके जीवन की सुरक्षा कैसे होगी, इन प्रश्नों से पल्ला झाड़ लिया गया है, जबकि ये जिम्मेदारी राज्य की है, जिसने उनका घर रोजगार छीना।
वसंतकुंज में शिफ्ट हुए परिवारों से ताल्लुक रखने वाले लोगों का कहना है कि पहले भी वहां कई मौतें हो चुकी हैं। बुलडोजर का दंश झेल रहे प्रभावित परिवारों की आर्थिक स्थिति को ठीक करने पर ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में इस तरह की और भी घटनाएं हो सकती हैं।
मीडिया में आयी खबरों के अनुसार युवक अजीज की लाश वसंतकुंज के उस कमरे में मिली, जहां पिछले महीने परिवार के साथ वह शिफ्ट हुआ था। दो साल पहले ही उसकी शादी हुई थी। परिवार में पत्नी और छह माह की बेटी है। वह टेलरिंग का काम करता था। वह अपनी सिलाई मशीन लेकर वसंतकुंज से रोजाना ध्वस्त हो चुके अकबरनगर जाता और वहां तंबू लगाकर काम मिलने की उम्मीद करता, पर आय के अभाव व परिवार का भरण-पोषण न कर पाने के कारण फांसी लगाकर जान दे दी।
अपने एक्स हैंडल पर अजीज के सुसाइड के बाद का वीडियो शेयर करते हुए पत्रकार कविश अजीज ने लिखा है, ये अज़ीज़ है, अकबर नगर में रहता था, अकबरनगर बुल्डोज होने के बाद काम धंधा ठप हो गया। घर में पत्नी और एक 6 महीने की बच्ची है। अजीज की सिलाई की एक अस्थाई दुकान थी। जहां अजीज अपनी मशीन ले जाकर टेंट के नीचे दुकान चलाता फिर सिलाई मशीन लेकर घर लौट आता। अकबर नगर में घर ढहाए जाने के बाद जब वहां लोग नहीं रहे तो अजीज का काम पूरी तरह से बंद हो गया। उसे कमाई के लाले पड़ गए। परिवार के लोगों ने बताया कि 19 जुलाई को अकबरनगर में नगर निगम की टीम पहुंची थी। कार्रवाई के दौरान तंबू के नीचे अजीज काम कर रहा था। उसे उखाड़कर फेंक दिया गया। अजीज की सिलाई मशीन भी नगर निगम के लोग उठा ले गए। 20 जुलाई को मशीन छुड़ाने के लिए अजीज को 800 रुपए जुर्माने देने पड़े। तब उन्हें मशीन मिल पाई।'