चमोली में आई भयानक तबाही के बाद मसीहा बना उत्तराखंड पुलिस का इंस्पेक्टर, बेघर बुजुर्ग महिला को दिया अपना घर
जब हरक सिंह, जो रैणी गांव के मूल निवासी हैं, ने वहां बचाव और राहत कार्य शुरू किया, तो उन्हें सोना देवी की दुर्दशा के बारे में पता चला। सिंह अपने परिवार के साथ देहरादून में रहते हैं। उन्होंने तुरंत सोना देवी को रहने के लिए अपना घर दिया....
देहरादून जनज्वार। मसीहा उसी को तो कहते हैं हम, खुशी बांट ले ले जो औरों के गम। उत्तराखंड पुलिस के एक इंस्पेक्टर हरक सिंह ने चमोली जिले के आपदा प्रभावित रैणी गांव में एक वृद्ध महिला को अपने घर में शरण दी। 7 फरवरी के प्रलय के बाद, 85 वर्षीय सोना देवी का घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे उनकी बेटी बेघर हो गई।
जब हरक सिंह, जो रैणी गांव के मूल निवासी हैं, ने वहां बचाव और राहत कार्य शुरू किया, तो उन्हें सोना देवी की दुर्दशा के बारे में पता चला। सिंह अपने परिवार के साथ देहरादून में रहते हैं। उन्होंने तुरंत सोना देवी को रहने के लिए अपना घर दिया।
सिंह वर्तमान में राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के साथ काम कर रहे हैं। उनकी इस उदारता को अब ग्रामीणों और शीर्ष पुलिसकर्मियों द्वारा समान रूप से सराहा जा रहा है।
एसडीआरएफ कमांडेंट नवनीत भुल्लर ने कहा कि जब हम खासकर हमारे अपने पुलिस बल के लोगों द्वारा इस तरह के अच्छे कार्यो के बारे में सुनते हैं तो बेहद खुशी होती है। इस तरह की घटनाएं नागरिकों और पुलिस के बीच निकटता और अच्छे संबंध लाती हैं।
सिंह की इस उदारता के बाद राज्य पुलिस बंद या सुनसान घरों की तलाश कर रही है, जहां से लोग मैदानी इलाकों में चले गए हैं, ताकि उन्हें आपदा प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी आश्रयों के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।
गौरतलब है कि 7 फरवरी के जलप्रलय में जान गंवाने वाले ज्यादातर मजदूर ऐसे थे, जो दो बिजली परियोजनाओं में काम के लिए राज्य के बाहर से आए थे। चमोली जिले के 12 गांवों में लगभग 465 परिवार भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, क्योंकि उन्होंने अपने घरों, घरेलू जानवरों और खेत की जमीन खो दी है।
रैणी के गांव प्रधान भगवान सिंह राणा ने कहा कि हमारे रैणी गांव में सोना देवी का केवल एक घर क्षतिग्रस्त हुआ था। हालांकि हमने अपने गांव के पांच लोगों को खो दिया, लेकिन गांव को नुकसान ज्यादा नहीं हुआ।
कुछ सामाजिक संगठनों ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में काम करने के लिए अपनी तत्परता दिखाई है। यहां तक कि फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने बाढ़ में मारे गए टिहरी के आलम सिंह पुंडीर की चार बेटियों को पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने की इच्छा व्यक्त की है। सूद ने अपने ट्वीटर हैंडल पर चार बेटियों की एक तस्वीर भी साझा की। पुंडीर की लाश तपोवन परियोजना की आपदा प्रभावित सुरंग से बाहर लाया गया था।