कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने BJP सांसद को साबित किया झूठा, कहा आजमगढ़ एयरपोर्ट नागरिक उड्डयन विभाग करेगा संचालित तो निरहुआ कहते हैं उड़ान हो ही नहीं सकती
Azamgarh news : भाजपा सांसद निरहुआ कह रहे कि एयर लाइन कंपनियां कह रहीं कि उड़ान हो ही नहीं सकती और कृषि मंत्री कह रहे कि नागरिक उड्डयन विभाग संचालित करेगा। भाजपा नेताओं का अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट और एयरपोर्ट के सवाल पर आ रहे बयान झूठ का पुलिंदा ही नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करता है...
आजमगढ़। किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर किसानों के विरोध के सवाल पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि 95 प्रतिशत पैसा रिलीज किया जा चुका है। वहीं एयरपोर्ट के सवाल पर कहा कि नागरिक उड्डयन विभाग संचालित करेगा बोलकर उन्होंने भाजपा सांसद निरहुआ को झूठा साबित कर दिया। भाजपा सांसद निरहुआ कह रहे कि एयर लाइन कंपनियां कह रहीं कि उड़ान हो ही नहीं सकती और कृषि मंत्री कह रहे कि नागरिक उड्डयन विभाग संचालित करेगा। भाजपा नेताओं का अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट और एयरपोर्ट के सवाल पर आ रहे बयान झूठ का पुलिंदा ही नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करता है।
जन आंदोलन का राष्ट्रीय समन्वय (NAPM) के राष्ट्रीय समन्वयक किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि आजमगढ़ आए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने 250 दिन से धरने पर बैठे खिरिया बाग के किसानों से मिलने की जरूरत नहीं समझी। कृषि मंत्री, प्रधानमंत्री के मन में किसानों के लिए क्या है वो सुनते और बताते हैं, पर किसानों के मन की बात नहीं सुनते।
अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के किसानों के विरोध के सवाल पर कृषि मंत्री का यह कहना कि 95 प्रतिशत पैसा रिलीज किया जा चुका है, ने साफ किया कि जिस अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर काम ही नहीं शुरू हुआ उस पर कैसे पैसा रिलीज किया गया। जिला प्रशासन ने परियोजना को स्थगित, शासन स्तर पर परियोजना विचाराधीन और सांसद निरहुआ ने अन्य जगह जमीन की बात कही है।
आखिर जो परियोजना शुरू ही नहीं हुई उसपर 95 प्रतिशत फंड कैसे रिलीज किया गया। वहीं एयरपोर्ट के सवाल पर उनका कहना कि नागरिक उड्डयन विभाग संचालित करेगा कहकर कृषि मंत्री ने भाजपा सांसद निरहुआ जिन्होंने कहा कि एयरपोर्ट से उड़ान हो ही नहीं सकती, के ही खिलाफ बोला। आजमगढ़ एयरपोर्ट का पूरा मामला संदेह के घेरे में है। निरहुआ के अनुसार जब एयरलाइन कंपनियों ने कहा कि उड़ान हो ही नहीं सकती तो किस आधार पर लाइसेंस की मांग की गई और दावा किया गया कि लाइसेंस मिल गया है।