आजमगढ़ DM से वार्ता करके निकले किसान नेता राजीव यादव और वीरेंद्र यादव के अपहरण की कोशिश, लगाये गंभीर आरोप
Khiriya bagh Protest : 113 दिन से चल रहे ख़िरीयबाग आंदोलन के किसानों मज़दूरों की जिलाधिकारी से तीसरे दौर की वार्ता बेनतीजा रही। प्रशासन किसान-मजदूर वार्ताकारों के तर्कों का जवाब देने से भागता रहा और वार्ता में प्रशासन द्वारा किसानों-मज़दूरों के ऊपर तल्ख रुख भी अख्तियार किया गया।
आंदोलकारियों ने स्पष्ट कहा कि जब तक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की परियोजना रदद् नहीं होती धरना चलता रहेगा। वार्ता के बाद खिरिया बाग के लिए निकले किसान नेता राजीव यादव और वीरेंद्र यादव पौने तीन बजे के करीब भंवरनाथ के पास पंहुचे तो चार मोटरसाइकिल और दो चार पहिया वाहन सवार लोगों ने सरेराह जबरन किसान नेताओं की बाइक रुकवा ली। हाथ में असलहा लिए अपराधियों ने कहा, तुम लोग किसान नेता हो रुक जाओ, नहीं तो मार देंगे। दोनों को जबरन उठाने का प्रयास कर ही रहे थे कि वार्ता में शामिल अन्य किसानों की गाड़ी पीछे से वहां पंहुच गई। महिलाओं ने जब किसान नेताओं को बचाने की कोशिश की तो उसमें हाथापाई भी हुई वो लोग गाली देते हुए भाग निकले।
पूर्व में किसान नेता राजीव यादव का एक अन्य अधिवक्ता विनोद यादव को इसके पहले 24 दिसंबर को वाराणसी से एसटीएफ क्राइम ब्रांच द्वारा किसान आंदोलन के संदर्भ में ही उठाया जा चुका है।
किसान नेताओं ने कहा कि अगर उनके साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो उसकी सम्पूर्ण ज़िम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। जिलाधिकारी से वार्ता के बाद जिस तरीके से किसान नेताओं के अपहरण की कोशिश की गई वह एक खतरनाक साजिश की तरफ इशारा करता है।
किसान नेताओं ने इसके पहले भी आरोप लगाया है कि जब 24 दिसंबर को वाराणसी से उठाया गया तो अपहरणकर्ता के फ़ोन पर ssp azh के नंबर से फ़ोन आ रहा था। ऐसे में किसान नेताओं की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार पर होगी। वीरेंद्र यादव और राजीव यादव द्वारा दी गई तहरीर पर कंधरापुर थाना ने अभी तक एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई। घटना की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस द्वारा किए जा रहे एक्शन से प्रतीत होता है कि वह अपराधियों पर कार्रवाई करने से बच रही है।