सरकारी दावे और प्रोपेगेंडा के बावजूद यूपी में बेरोजगारी की स्थिति बेहद गंभीर, सरकारी विभागों में 6 लाख से ज्यादा पद रिक्त
रोजगार अधिकार के लिए प्रदेशस्तरीय संवाद और संपर्क अभियान की 5 सितंबर को प्रयागराज से शुरुआत, संयुक्त युवा मोर्चा की बैठक में उठी मांग कि रोजगार गारंटी कानून बनाए सरकार...
लखनऊ। रोजगार की गारंटी के लिए कानून बनाने और रिक्त पदों को भरने की मांग जोर पकड़ रही है। इस मांग पर संयुक्त युवा मोर्चा के बैनर तले गांधी भवन में प्रदेश भर के आये युवा प्रतिनिधियों ने 19 अगस्त को आवाज बुलंद की। संयुक्त युवा मोर्चा की बैठक में सरकार से रोजगार के सवाल को हल करने की मांग की गई। विपक्षी दलों से भी अपील की गई कि रोजगार संकट हल करने के मुद्दे को अपने ऐजेंडा में शामिल करें।
प्रदेश भर के युवा प्रतिनिधियों की मीटिंग में रोजगार अधिकार के लिए प्रदेशस्तरीय संवाद और संपर्क अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। इसी शुरुआत प्रयागराज में 5 सितंबर को युवा पंचायत से होगी। अभियान में रोजगार गारंटी के लिए कानून बनाने, देशभर में रिक्त पड़े एक करोड़ पदों को तत्काल पारदर्शी तरीके से भरने, आउटसोर्सिंग/संविदा व्यवस्था पर रोक एवं रेलवे, बैकिंग, बिजली-कोयला, शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में निजीकरण बंद करने जैसे मुद्दों को उठाया जाएगा।
इस मुहिम में उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों में 6 लाख से ज्यादा रिक्त पदों को तत्काल विज्ञापित करने के मुद्दे को मजबूती से उठाया जाएगा। प्रस्ताव पारित कर इविवि में छात्रों पर जारी दमन की निंदा की गई और सरकार से अपील की गई कि शांतिपूर्ण ढंग लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले छात्रों को जेल से रिहा से तत्काल रिहा किया जाए और उत्पीड़न बंद किया जाए।
मीटिंग में युवा नेताओं ने कहा कि सरकारी दावे और प्रोपेगेंडा के बावजूद उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति बेहद गंभीर है। राज्य के बड़े हिस्से से नौजवान दूसरे प्रदेशों में पलायन करने के लिए मजबूर हैं। यही नहीं उत्तर प्रदेश से पूंजी का भी पलायन हो रहा है। इंवेस्टर्स समिट व रोजगार मेला जैसे सरकारी आयोजन महज प्रचार के लिए हैं। प्रदेश में न तो कोई नया उद्योग लग रहा है और ना ही बाहर से पूंजी आ रही है, इसलिए प्रदेश में रोजगार सृजन के लिए लघु कुटीर उद्योगों की मजबूती, कृषि क्षेत्र का विकास और कृषि आधारित उद्योग धंधे लगाने की अर्थव्यवस्था पर जोर देना होगा। प्रदेश में खाली पड़े 6 लाख पदों को तत्काल भरने के चुनावी वादे को सरकार पूरा करे। तय किया कि अभियान के प्रथम चरण में सरकार इन सवालों को हल नहीं करेगी तो दूसरे चरण में आंदोलन की घोषणा की जाएगी।
मीटिंग को प्रदेशभर से आये युवा प्रतिनिधियों ने संबोधित किया। इसके अलावा आइपीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस आर दारापुरी, जूनियर इंजीनियर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ई. गोपाल बल्लभ पटेल, अटेवा अध्यक्ष विजय बंधु, वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर, रोडवेज वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष हकदाद खां ने संयुक्त युवा मोर्चा के रोजगार अधिकार अभियान का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार व राज्य सरकार से मांग की कि युवाओं की सवालों को हल करें।
मीटिंग में 19 सदस्यीय संयुक्त युवा मोर्चा टीम उत्तर प्रदेश का गठन किया गया। मीटिंग को युवा मंच के प्रदेश संयोजक राजेश सचान, युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष गोविंद मिश्रा व रजत यादव, युवा शक्ति संगठन के अध्यक्ष गौरव सिंह व सरफराज अहमद, प्रयागराज से युवा मंच के अनिल सिंह व शिक्षक भर्ती आंदोलन के रजत सिंह, रेड बिग्रेड की ऊषा विश्वकर्मा, तकनीकी संवर्ग के प्रतिनिधि ई. राम बहादुर पटेल, सोनभद्र से सविता गोंड, कानपुर विश्वविद्यालय के शोध छात्र बागीश धर राय, युवा भारत के विजय मुखर्जी, सीतापुर से शैजा बानो, चंदौली से आलोक राय, लखीमपुर से जमशेद अली, अनिल पाल, ई. राम कृष्ण बैगा, आदर्श अनुभव, विजय मिश्रा, अहमद खान, हरिनाथ खरवार, दिनेश गोंड समेत विभिन्न भर्ती आंदोलन व संगठनों के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया।