Employment News : छत्तीसगढ़ में सबसे कम बेरोजगारी, 99% लोगों के पास रोजगार, CMIE ने जारी किए आंकड़े

Employment News : छत्तीसगढ़ राज्य के 99.90 फीसद लोग किसी न किसी रोजगार से जुड़कर अपनी जीवन की गाड़ी चला रहे हैं, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों से यह साबित हुआ है...

Update: 2022-10-05 09:57 GMT

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Employment News : छत्तीसगढ़ राज्य के 99.90 फीसद लोग किसी न किसी रोजगार से जुड़कर अपनी जीवन की गाड़ी चला रहे हैं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों से यह साबित हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य में सितंबर बेरोजगारी दर अब तक अपने न्यूनतम स्तर 0.1 प्रतिशत है। देश में सबसे कम बेरोजगारी दर के मामले में छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है।

गोबर को तो बात बना कर ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ा

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश में सुराजी गांव योजना के तहत नरवा-गरुवा-घुरवा-बाड़ी कार्यक्रम में महती भूमिका निभाई तो दूसरी ओर गोधन न्याय योजना के साथ गोठनों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के तौर पर विकसित किया गया है, जिससे गोबर बेचने से लेकर गोबर के उत्पाद बनाकर ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ा गया है।

छत्तीसगढ़ में सबसे कम बेरोजगारी

जानकारी के लिए बता दें कि सीएमआईई द्वारा 1 अक्टूबर 2022 को बेरोजगारी दर के संबंध में जारी रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2022 में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में 0.1 फीसदी के साथ छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है।

सर्वाधिक बेरोजगारी दर के मामले में राजस्थान टॉप पर 

वहीं इसी अवधि में 0.4 फीसदी के साथ असम दूसरे स्थान पर है। उत्तराखंड 0.5 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ तीसरे स्थान पर है। बता दें कि मध्य प्रदेश में यह आंकड़ा 0.9 प्रतिशत है और गुजरात में यह आंकड़ा 1.6 प्रतिशत रहा है। दूसरी ओर सर्वाधिक सितंबर 2022 में सर्वाधिक बेरोजगारी दर के मामले में राजस्थान शीर्ष पर है, जहां 23.8 फीसदी बेरोजगारी दर दर्ज की गई है। जम्मू एवं काश्मीर में 23.2 फीसदी और हरियाणा में 22.9 फीसदी बेरोजगारी दर बताई गई है। त्रिपुरा में 17.0 फीसदी और झारखंड में 12.2 फीसदी बेरोजगारी दर दर्ज की गई है।

छत्तीसगढ़ में नई नीतियां और योजना बनी बदलाव की वजह

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि न्यूनतम बेरोजगारी दर के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य को मिली इस उपलब्धि के पीछे वजह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नीतियां हैं। उनके नेतृत्व में रोजगार के नए अवसरों के सृजन के लिए बनाई गई योजना और नीतियाें से बदलाव आया है। छत्तीसगढ़ में बीते पौने चार साल के भीतर अनेक ऐसे नवाचार हुए हैं, जिनसे शहर से लेकर गांव तक हर हाथ को काम मिला है।

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