मूसलाधार बारिश में भी खिरिया बाग में किसान-मजदूर डटे रहे धरने पर, कहा किसी भी हालत में नहीं देंगे अपनी जमीन
किसानों मजदूरों ने कहा कि खिरिया बाग हमारा धाम है और ये घास, फूस की मडई हमारा मंदिर है। तेज बारिश में मडई से पानी गिर रहा, पर हम डट कर लड़ेंगे और लड़ कर जीतेंगे। यह हमारा संघर्ष आने वाली नस्लों के लिए है कि उनके हिस्से की जमीन कोई छीन नहीं सकता...
खिरिया बाग । एक तरफ मूसलाधार बारिश में बिजली की कड़क तो दूसरी तरफ जमीन नहीं देने का ऐलान करते हुए खिरिया बाग में किसानों मजदूरों का धरना जारी रहा।
तेज बारिश के बीच किसानों मजदूरों ने कहा कि खिरिया बाग हमारा धाम है और ये घास, फूस की मडई हमारा मंदिर है। तेज बारिश में मडई से पानी गिर रहा, पर हम डट कर लड़ेंगे और लड़ कर जीतेंगे। यह हमारा संघर्ष आने वाली नस्लों के लिए है कि उनके हिस्से की जमीन कोई छीन नहीं सकता।
बारिश में धरने पर बैठने को मजबूर कर सरकार जो जुल्म कर रही है, उस जुल्म को हम ही नहीं आने वाली पीढ़ियां भी याद करेंगी कि हमारे बाप-दादाओं ने जिंदगी दाव पर लगाकर धरती माता को कैसे बचाया था। कश्मीर में भूमिहीनों को जमीन देने को सरकार कह रही और यहां हमारी जो जमीन है उसे भी छीन रही है।
किसानों ने कहा कि सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ कह रहे हैं कि हवाई जहाज नहीं उड़ सकता तो ऐसे में जो जमीन हवाई अड्डे के नाम पर ली गई उसे किसानों को लौटाया जाए। आजमगढ़ समेत पूर्वांचल में 85 प्रतिशत रोजगार खेती, किसानी देती है।
धरने पर अवधेश यादव, रामचंद्र यादव, नंदलाल यादव, संदीप उपाध्याय, जटाशंकर उपाध्याय, राम शबद, किस्मती, नीलम आदि मौजूद रहे।