हमारे पास 1 लाख 37 हजार बेसिक शिक्षकों के पद खाली, लेकिन युवाओं में इतनी प्रतिभा ही नहीं है- योगी आदित्यनाथ
जब युवा इस काबिल ही नहीं हैं कि उन्हें कहीं नौकरी दी जा सके, तो फिर नौकरी के लिए इतना बवंडर क्यों करते हैं। यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि खुद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं...
Uttar Pradesh: एक कहावत है..नाच न जाने आंगन टेढ़ा। यह कहावत हमारे देश के खासकर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के युवाओं पर सटीक बैठती है। जब युवा इस काबिल ही नहीं हैं कि उन्हें कहीं नौकरी दी जा सके, तो फिर नौकरी के लिए इतना बवंडर क्यों करते हैं। यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि खुद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं।
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर रावण (Chandrashekhar Ravan) ने ट्वीट कर लिखा है कि, 'योगी जी का कहना है कि उत्तर प्रदेश के युवाओं में प्रतिभा का अभाव है। इसलिये जब बेरोजगार युवा, रोजगार माँगने सड़क पर जाता है तो बाबा जी उसको लाठियों से पिटवा कर उसकी खाल उधेड़वा देते है। अब यूपी के बेरोजगार युवाओं की जिम्मेदारी है कि वो भी लाठी का जवाब गोरखपुर में वोट से दे।'
योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का यह वीडियो एबीपी न्यूज के शिखर सम्मेलन का बताया जा रहा है। जिसमें एंकर 36000 शिक्षक भर्ती को लेकर सवाल करता है, जिसके जवाब में योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि, 'हमें एक लाख 37 हजार बेसिक शिक्षक भर्ती करने हैं लेकिन हमारे पास योग्य उम्मीदवार ही नहीं हैं जो आ करके इस कम्पटीशन को फाइट कर सकें और अपनी योग्यता साबित कर सकें।'
अब बताइये भला कितनी गलत बात है। सरकार कह रही राज्य के युवा इस काबिल ही नहीं हैं कि योग्यता दिखा सकें। फिर युवा जो बेरोजगार घूम रहे वह आकिर योग्य किस बात में हैं। क्या वे धरना, प्रदर्शन, वगैरा में योग्य हैं। या फिर सरकार (UP Government) को वे लोग योग्य लगते हैं जो सर्दी-गर्मी, शिमला, बुलडोजर, आतंकवाद के बीच जय-जयकार करते रहें।
खैर जो भी हो युवाओं को अपनी योग्यता किस तरह साबित करनी चाहिए योगी महाराज को ये बताना चाहिए था। उन्हें बताना चाहिए था कि आखिर उनकी सरकार में बेरोजगार युवाओं को किस तरह की योग्यता चाहिए। योग्यता का पैमाना या मापदंड क्या होगा थोड़ा विस्तार से बताते तो देश ना सही कम से कम राज्य के युवा अपनी प्रतिभा को उस अनुरूप ढालकर विस्तार दे सकते, लेकिन तब तक वीडियो खतम हो गया, और जाहिर है कि सवाल भी बदल गया हो।