5 दिनों में नहीं पकड़ा गया आदमखोर बाघ तो महिलायें देंगी अनिश्चितकालीन धरना, जिम कार्बेट में ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

उत्तराखंड में जंगलों से सटे गांवों में लोग आए दिन जंगली जानवरों, विशेषकर बाघ के हमले में मारे जा रहे हैं और सरकार जंगली जानवरों के बढ़ाने की खुशियां मना रही है...

Update: 2024-01-31 07:10 GMT

रामनगर। उत्तराखण्ड में आतंक का पर्याय बन चुके आदमखोर बाघ को मारे या पकड़े जाने की मांग को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में ग्रामीणों ने कल 30 जनवरी को सांवल्दे में चक्काजाम कर कॉर्बेट नेशनल पार्क की ढेला-झिरना जोन में पर्यटकों की आवाजाही ठप कर दी।

मौके पर पहुंचे भारी संख्या में पुलिस बल लगाए जाने के बावजूद भी ग्रामीण टाइगर को मारे या पकड़े जाने की मांग को लेकर आंदोलन में डटे रहे। आंदोलनकारी ग्रामीणों ने ढेला रेंज अधिकारी व एसडीओ से वार्ता करने से इनकार कर दिया। कुछ समय पश्चात पार्क उपनिदेशक, वाइल्डलाइफ बोर्ड सदस्य मयंक तिवारी तथा तहसीलदार द्वारा ग्रामीण को सुरक्षा का आश्वासन देने तथा टाइगर को हटाने के लिए 5 दिन का समय मांगे जाने पर ग्रामीणों ने जाम खोल दिया तथा 5 दिन में टाइगर को नहीं मारे या पकड़े जाने पर अनिश्चित काल के लिए 4 फरवरी से पुनः धरना प्रदर्शन प्रारंभ करने की चेतावनी दी।

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धरनास्थल पर हुई सभा को संबोधित करते हुए समिति के संयोजक ललित उप्रेती ने कहा कि जनता के इस दुख के समय में जनप्रतिनिधि जनता के बीच से नदारत है। यहां तक की कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियों के नेता भी जनता के बीच से नदारत हैं। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर को रामनगर एसडीएम ने संघर्ष समिति से लिखित में मांग पत्र प्राप्त किया था तथा आश्वासन दिया था कि जल्द ही जंगली जानवरों से संबंधित समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा परंतु एक माह बाद भी शासन प्रशासन द्वारा जनता की समस्या को लेकर कोई पहलकदमी नहीं ली गई है।

महेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में लोग आए दिन जंगली जानवरों के हमले में मारे जा रहे हैं और सरकार जंगली जानवरों के बढ़ाने की खुशियां मना रही है। उन्होंने कहा कि टाइगर तेंदुआ व जंगली सूअर आदि अब विलुप्त प्रजाति नहीं रह गए हैं यह गांव-गांव में और लोगों के घरों तक आ रहे हैं अतः इनको वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1973 की संरक्षित अनुसूची देने से बाहर किया जाना चाहिए।

महिला नेत्री ललिता रावत ने कहा कि प्रशासन यह न समझे की जनता शांत हो गई है। हमने प्रशासन को 5 दिन का समय दिया है, यदि 5 दिन में टाइगर को मारा या पकड़ा नहीं गया तो महिलाएं पुनः धरने पर बैठकर अनिश्चितकाल के लिए आंदोलन करने के लिए विवश होंगी।

धरने को तुलसी बेलवाल, तुलसी छिंबाल, नवी हसन, मुनीष कुमार संजय मेहता, विमला देवी, आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम में जगदीश डोर्बी, लालमणि, अनीता गुसाई, विमला नेगी, प्रभा देवी, भावना अधिकारी, चंपा करगेती सुमित दर्जनों गांव से आए ग्रामीणों ने भागीदारी की।

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