उत्तराखंड में भगवती श्रमिकों ने काला फीता बांधकर श्रम भवन में मनाया काला दिवस, कार्यबहाली के लिए श्रमिकों का 4 साल से धरना जारी

भगवती माइक्रोमैक्स के श्रमिकों द्वारा जारी संघर्ष को आज 4 साल पूरा हो गये हैं, जबकि तीन मुख्यमंत्री राज्य को मिले हैं। श्रमिक आज भी सड़क पर हैं। भगवती माइक्रोमैक्स के श्रमिकों ने सरकार शासन प्रशासन के अंधेपन और श्रमिकों की अनदेखी को देखते हुए आज 27 दिसंबर 2022 को श्रमिकों ने प्रतीकात्मक रूप से काला दिवस मनाया गया...

Update: 2022-12-27 11:36 GMT

उत्तराखंड में भगवती श्रमिकों ने काला फीता बांधकर श्रम भवन में मनाया काला दिवस, कार्यबहाली के लिए श्रमिकों का 4 साल से धरना जारी

Uttarakhand news : भगवती माइक्रोमैक्स के प्रबंधन द्वारा गैरकानूनी छंटनी के चलते संघर्ष के 4 साल पूरे होने पर भगवती माइक्रोमैक्स के श्रमिकों ने 27 दिसंबर 2022 को श्रम कार्यालय रुद्रपुर उधम सिंह नगर में काला फीता बांध कर काला दिवस मनाया।

श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधम सिंह नगर ने कल 28 दिसंबर 2022 को भगवती माइक्रोमैक्स, जायडस श्रमिकों की कार्य बहाली सहित सिडकुल की विभिन्न कंपनियों में चल रहे औद्योगिक विवादों के समाधान को लेकर रैली के रूप में आकर जिलाधिकारी को ज्ञापन देने का ऐलान भी किया है।

भगवती प्रबंधन की गैरकानूनी हरकतों गैरकानूनी छंटनी, ले-आफ बंदी तथा ट्रेनिंग के नाम पर जबरन ट्रांसफर के खिलाफ भगवती के श्रमिकों ने आज काला दिवस के प्रतीक के रूप में मनाया। भगवती माइक्रोमैक्स के श्रमिकों द्वारा जारी संघर्ष को आज 4 साल पूरा हो गये हैं, जबकि तीन मुख्यमंत्री राज्य को मिले हैं। श्रमिक आज भी सड़क पर हैं। भगवती माइक्रोमैक्स के श्रमिकों ने सरकार शासन प्रशासन के अंधेपन और श्रमिकों की अनदेखी को देखते हुए आज 27 दिसंबर 2022 को श्रमिकों ने प्रतीकात्मक रूप से काला दिवस मनाया गया।

भगवती प्रोडक्ट्स लिमिटेड (माइक्रोमैक्स) पंतनगर में गैरकानूनी छँटनी, अवैध लेआफ और प्रशिक्षण के नाम पर सभी श्रमिकों का स्थानांतरण के नाम पर बंदी 27 दिसंबर 2018 से ही जारी है।आज श्रमिकों को गैरकानूनी छटनी बंदी के 4 साल पूरे हो गये हैं। इस दौरान कर्मचारियों का जमीन से लेकर कानूनी संघर्ष लगातार जारी रहा, जिसमें श्रमिक संयुक्त मोर्चा, सिडकुल और क्षेत्र की अन्य यूनियनों और मज़दूर संगठनों, मज़दूर भाइयों के प्राप्त सक्रिय सहयोग से ही संघर्ष जारी रहा हैं।

श्रमिकों के पक्ष में औद्योगिक न्यायाधिकरण हल्द्वानी और उच्च न्यायालय नैनीताल से श्रमिकों के पक्ष में निर्णय दिया था और छँटनी गैरकानूनी घोषित हुई, लेकिन बावजूद इसके कंपनी प्रबंधन द्वारा उनकी कार्य बहाली नहीं करायी गयी इसलिए संघर्ष अभी भी जारी है। अभी भी जहाँ जमीनी स्तर पर 351 श्रमिकों की कार्य बहाली के लिए श्रम भवन रुद्रपुर में धरना जारी रहा, वहीं उच्चतम न्यायालय दिल्ली में भी विवाद लंबित है।

आज 27 दिसंबर के धरने में ठाकुर सिंह, राजकुमार, दीपक पंत, सूरज बोरा, भुवन जोशी, मुकेश जोशी, भुपेन्द्र सिंह, यसपाल, हेम जोशी, गोधन लाल, रविंद्र राणा, धीरज खाती, नरेंद्र मेहरा आदि शामिल रहे।

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