उत्तराखण्ड में हर रोज आदमखोर बाघ का शिकार बन रही जनता, मगर डबल इंजन की मोदी-धामी सरकार बैठी है आंखें मूंदे

भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर जनता को डराया गया गया तथा धरने में आने से रोका गया। इसके बावजूद भी सैकड़ों की संख्या में लोगों ने धरने में पहुंचकर आंदोलन में हिस्सेदारी की है। उन्होंने कहा कि 2006 व 2013 में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान जो भाजपा कार्यकर्ता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भागीदारी करते थे, आज वे आंदोलन से गायब हैं और उन्होंने जनता को जंगली जानवरों के हाथों मरने के लिए छोड़ दिया है....

Update: 2024-01-16 15:59 GMT

Ramnagar news : जंगली जानवरों व बंदरों से सुरक्षा, जंगली जानवरों के हमले में मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपए तथा घायल को 10 लाख रुपए मुआवजा तथा संपूर्ण इलाज की गारंटी आदि मांगों को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा कॉर्बेट नेशनल पार्क की ढेला रेंज चौकी का घेराव कर धरना दिया गया। समिति द्वारा आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए 11 फरवरी रविवार को ग्राम कानिया में उत्तराखंड स्तरीय सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा की गई है।

धरनास्थल पर हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में कोई दिन ऐसा नहीं है, जब जंगली जानवर किसी इंसान को नहीं मार रहे हों, परंतु सत्ता पर बैठी हुई मोदी और धामी की डबल इंजन की भाजपा सरकार को जनता का दुःख दिखाई नहीं दे रहा है। यही कारण है कि जनता को संघर्ष के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

Full View

समिति के संयोजक ललित उप्रेती में सभा का संचालन करते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर जनता को डराया गया गया तथा धरने में आने से रोका गया। इसके बावजूद भी सैकड़ों की संख्या में लोगों ने धरने में पहुंचकर आंदोलन में हिस्सेदारी की है। उन्होंने कहा कि 2006 व 2013 में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान जो भाजपा कार्यकर्ता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भागीदारी करते थे, आज वे आंदोलन से गायब हैं और उन्होंने जनता को जंगली जानवरों के हाथों मरने के लिए छोड़ दिया है।

वक्ताओं ने कहा कि प्रशासन एवं पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग कह रहे थे कि कॉर्बेट पार्क बंद करने से क्षेत्र के व्यवसाय पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। उनकी बात को आगे रखते हुए संघर्ष समिति ने कार्बेट पार्क बंद करने की जगह धरना—प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया। इस धरना प्रदर्शन में सरकार के किसी भी सक्षम प्रतिनिधि ने आकर ग्रामीणों की समस्या को नहीं सुना और न ही पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों ने धरने को समर्थन दिया। वक्ताओं ने कहा कि शासन प्रशासन जनता को पुनः कॉर्बेट पार्क बंद करने के लिए मजबूर कर रहा है।

महेश जोशी ने सभी उत्तराखंड के जागरूक लोगों से आगामी 11 फरवरी को ग्राम कानिया में प्रस्तावित सम्मेलन में भागीदारी करने की अपील की है। सभा को सूरज सिंह, कुंदन सिंह बिष्ट, मुनीष कुमार, प्रभात ध्यानी, रमेश राम, बसंत कुमार, कैलाश पांडे, जगदीश डोर्बी, सुमित, संजय मेहता, ललिता रावत, तुलसी जोशी, रोहित रहेला आदि ने संबोधित किया।

Tags:    

Similar News