Jhansi News : खबरों की खुन्नस में DM झाँसी ने Etv के पत्रकार की खाई नौकरी, मानसिक अवसाद में जी रहा संवाददाता
Jhansi News : पत्रकार ने कहा, DM ने अपने पद की गरिमा का उल्लंघन और सीमाओं को पार कर मेरे निजी जीवन मे ताकझांक की और मेरे चरित्र हनन के काम में सार्वजनिक रूप से खुलकर सामने आ गए हैं...
Jhansi News (जनज्वार) : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (UP Yogi Govt.) में पत्रकारों का उत्पीड़न लगातार जारी है। यहां कभी खबर छापने को लेकर तो कभी अफसरों अधिकारियों की आपसी खुन्नस का शिकार जिलों में तैनात रिपोर्टर बन रहे हैं। अब ताजा मामला जनपद झांसी से सामने आया है। जहां Etv के जिला संवाददाता को डीएम की शिकायत करने का खामियाजा अपनी नौकरी गंवाकर भुगतना पड़ा है।
दरअसल पूरा प्रकरण पत्रकार की एक फोटो को वायरल करने करवाने का है। इस मामले में पत्रकार ने जनज्वार से बात करते हुए कहा कि, 'वह अपने पूरे कार्यकाल में झाँसी के मौजूदा डीएम आन्द्रा वामसी (DM Jhansi Andra Wamsi) के व्यवहार से प्रताड़ित हैं। पहली बार उनके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज करा रहा हूँ क्योंकि उन्होंने अपने पद की गरिमा का उल्लंघन और सीमाओं को पार कर मेरे निजी जीवन मे ताकझांक की और मेरे चरित्र हनन के काम में सार्वजनिक रूप से खुलकर सामने आ गए हैं।'
Etv के पूर्व पत्रकार रहे लक्ष्मी नारायण शर्मा (Laxmi Narayan Sharma) कहते हैं, 'वह इस समय मानसिक अवसाद की स्थिति में है और उसके साथ होने वाली किसी भी अप्रिय घटना के लिए आन्द्रा वामसी निजी तौर पर जिम्मेदार होंगे। मैंने कोविड के पहले दौर से लेकर अब तक झांसी जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आ रही समस्याओं को शासन और प्रशासन तक पहुंचाने का हर सम्भव प्रयास किया।
महत्वपूर्ण समाचारों को डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय (CM Office) तक भी पहुंचाने की कोशिश की। उच्च स्तर पर ऐसे समाचारों के पहुंचने से शासन ने झाँसी में दिलचस्पी दिखाई और तत्काल निराकरण की दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए। इस दौरान जिस भी समाचार को मैंने शासन के संज्ञान में लाने की कोशिश की, वे हर बार मुझे निजी तौर पर अपने बंगले पर बुलाकर सबक सिखाने की धमकी देते रहे।'
जनज्वार (Janjwar.com) से हुई बातचीत में पत्रकार ने कहा, डीएम आन्द्रा वामसी ने पहली बार दिनांक 8 मई 2020 को मुझे अपने बंगले पर बुलवाया और दोपहर तीन बजे से सवा चार बजे तक अपने चैंबर में मुझे बंधक बनाया और मेरी इच्छा के विरुद्ध एक घण्टे से अधिक समय तक बिठाए रहे थे और विभिन्न तरह के अपशब्द कहे व धमकी दी। यह उनके द्वारा पहली बार किया गया दुर्व्यवहार था।
जिलाधिकारी उस खबर से खफा थे जिसमें कोविड के प्रथम चरण में बिना मास्क पहने उन्हें सड़कों पर वाहन चेक करते दिखाया गया था। यह खबर ईटीवी भारत (Etv Bharat) की वेबसाइट पर अभी भी उपलब्ध है। इसके बाद उन्होंने विभिन्न खबरों को लेकर मुझसे निजी तौर पर कई बार दुर्व्यवहार किया। इनके इतने बड़े पद पर होने के कारण मैंने कभी इनके खिलाफ शिकायत करने की चेष्टा नहीं की।'
शर्मा ने आगे बताया कि, जब वे कानूनी रूप से कुछ कर पाने में अक्षम रहे तो सार्वजनिक रूप से मेरे चरित्र हनन पर उतर आए। महोदय उन्होंने मेरी एक तस्वीर हासिल की, जिसमें मेरी एक परिचित महिला मेरे साथ बाइक पर बैठी है। उन्होंने गलत आशय के साथ यह तस्वीर झाँसी में बीती 19 सितंबर 2021 को सांसद अनुराग शर्मा (MP Anurag Sharma) की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सार्वजनिक करने की कोशिश की।
प्रकरण में मेरे द्वारा इस पर आपत्ति जताई गई और अगले दिन यानी 20 सितंबर 2021 को झांसी के कमिश्नर (Commissioner Jhansi) से इस मामले की शिकायत की गई। शिकायत के कुछ ही घण्टे बाद उन्होंने मानवेंद्र यादव नाम के व्यक्ति द्वारा इस तस्वीर को फेसबुक पर वायरल करा दिया। यह तस्वीर वे झाँसी के सदर विधायक रवि शर्मा को भी दिखा चुके हैं। मेरे निजी जीवन में ताकझांक करके मेरे परिवार और निजी जीवन को भी अव्यवस्थित किये जाने का प्रयास किया गया।
यह तस्वीर वायरल (Viral Photo) होने के बाद उनके खिलाफ अभियोग पंजीकृत कराने के लिए मैंने झाँसी के एसएसपी को तहरीर दी तो जिलाधिकारी काफी नाराज हुए। आन्द्रा वामसी मूल रूप से दक्षिण भारत के रहने वाले हैं और अपने निजी सम्बन्धों का उपयोग कर दक्षिण भारत केंद्रित मेरे संस्थान ईटीवी भारत से मुझे निष्कासित करवा कर मेरी आजीविका भी छीन ली।
पत्रकार लक्ष्मी नारायण द्वारा इस मामले में जिले के कप्तान को दिए गये शिकायती पत्र में आज सीओ सिटी के यहां बयान लिए गये हैं। लेकिन जिले के सबसे बड़े अधिकारी के खिलाफ उनके ही मातहतों से किसी प्रकार की न्यायिक उम्मीद करना बेइमानी है।इसके अलावा शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस संबंध में लिखित शिकायत भेजकर किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराकर मामले में झांसी के डीएम आन्द्रा वामसी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने की अपील की है।
गौरतलब है कि पत्रकारिता के लिहाज से इस समय उत्तर प्रदेश बेहद निचले स्तर पर बना हुआ है। यहां बीते 5 से 6 सालों में तकरीबन 80 से अधिक पत्रकारों पर मुकदमें दर्ज हो चुके हैं। वैसे भी यूपी के लिए पत्रकारिता (UP Journalism) में कहावत बन गई है कि, यहां पत्रकार बनना तो आसान है लेकिन पत्रकारिता करना बेहद मुश्किल है।
बहरहाल, इस मामले में जिलाधिकारी झांसी आन्द्रा वामसी को फोन किया गया तो उनके अर्दली ने फोन उठाया, कहा साहब अभी कांफ्रेंस कर रहे हैं। एक घंटे बाद दोबारा फोन करने पर फिर अर्दली ने फोन उठाकर कहा कि साहब अभी मीटिंग में हैं, आपका मैसेज दे दिया है जैसे ही फ्री होते हैं साहब आपसे बात करेंगे। हमने इसके बाद एसएसपी झांसी (SSP Jhansi) को फोन किया तो उनके भी अर्दली ने ही फोन उठाया। अर्दली ने कहा कि साहब मीटिंग में हैं। हमने कहा क्या डीएम साहब के साथ बैठे हैं तो उधर से बताया गया नहीं वह प्रशासनिक मीटिंग कर रहे हैं। फ्री होते ही आपकी बात कराता हूँ।
नोट : खबर में जिलाधिकारी झांसी का कोई वर्जन आने पर अपडेट किया जाएगा।