Taj Mahal के साये में आजीविका चलाने वालों के सामने गहराया रोजी-रोटी का संकट, जानें कैसे

Agra News : सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) के एक आदेश से हजारों परिवारों के समक्ष आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है। रोजी-रोजी का संकट इसलिए कि दशकों से ताजमहल ( Taj Mahal ) की दीवार के साथ दुकान चलाने वाले परिवारों को अब कारोबार बंद करना होगा।

Update: 2022-09-27 08:44 GMT

ताजमहल के साये में आजीविका चलाने वालों के सामने गहराया रोजी-रोटी का संकट, जानें कैसे

Agra News : ये बात सही है कि प्रदूषण और आसपास की गतिविधियों की वजह से ताजमहल का वजूद खतरे में है, लेकिन ताजमहल ( Taj Mahal ) की संरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) की ओर से जारी एक आदेश की वजह से हजारों परिवारों के समक्ष आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है। रोजी-रोजी का संकट इसलिए कि दशकों से ताजमहल की दीवार के साथ दुकान चलाने वाले परिवारों को अब कारोबार ( Traders and Shopkeepaers ) बंद करना होगा। अगर ऐसा हुआ तो ताजमहल के आसपास 400 से ज्यादा दुकानों, एंपोरियम और होटलों में काम करने वाले लोग कहां जाएंगे। अहम सवाल यह है कि हजारों कारोबारी और दुकानदार परेशान है कि अब उनके परिवार के रोजी-रोटी का क्या होगा।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) द्वारा 26 सितंबर को ताजमहल ( Taj Mahal ) के 500 मीटर के दायरे में सभी व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश सामने आने के बाद से यहां के 400 दुकानों, होटलों औए एम्पोयिम में काम करने वाले दुकानदार और कारोबारी परेशान हैं। ये कारोबारी और कामगार ताजमहल के पश्चिमी, दक्षिणी और पूर्वी गेट के अलावा चारों कटरों में कारोबार कर रहे हैं। एक दिन पहले जैसे ही सोशल मीडिया और इंटरनेट पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की चर्चा चली, लोगों के चेहरे उतर गए।

कारोबारियों पर अवैध गतिविधियों को संचालित करने का लगा था आरोप



यह स्थिति ताजमहल ( Taj Mahal ) के खतरे और अनैतिक कार्यों के खिलाफ एक याचिका पर विचार करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश सुनाया है। ताकि विश्व विरासत में शामिल ताजमहल सुरक्षित और संरक्षित रह सके। बता दें कि ताज के पश्चिमी गेट स्थित एडीए की मार्केट के दुकानदारों की दायर की गई याचिका में जिस पश्चिमी गेट की दुकानों में व्यावसायिक गतिविधियों का हवाला दिया गया है। इन दुकानों में अवैध रूप से कई गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप हैं। यहां तक कि होटल और दुकानदार कारोबारियों पर अनैतिक कार्यों को अंजाम देने का भी आरोप है। इस मामले में दुकानदारों का कहना है कि अगर व्यावसायिक गतिविधियां बंद हुईं तो उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।

पर्यटकों के साथ ठगी की घटनाओं पर नहीं लगी रोक

और वहीं ताज के जानकारों व स्थानीय लोगों का कहना है कि दुकानदार लॉकर की तरह से पर्यटकों का सामान बिना जांचे-परखे रख रहे हैं। वहीं पर्यटकों के साथ ठगी की कई घटनाएं पश्चिमी गेट पर हो चुकी हैं। दक्षिणी गेट पर ताज की दीवार से सटाकर पूरा बाजार तैयार हो गया है। यहां जूते की इकाइयां, एंपोरियम, फोटो स्टूडियो, होटल, रेस्टोरेंट और पेठे आदि की दुकानें भी हैं। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) के आदेश के बाद दक्षिणी गेट के निवासी ताहिर उद्दीन ताहिर का कहना है कि हम लोग आदेश की सत्यापित प्रतिलिपि का अध्ययन कर रहे हैं। जरूरत पड़ी तो ताजगंज के लोग सुप्रीम कोर्ट में फिर से अपना पक्ष रख सकते हैं।

ताज के पश्चिमी और दक्षिणी गेट के चारों तरफ अवैध निर्माण



ताजगंज के लोग 1996 में अपना पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) का दरवाजा खटखटा चुके हैं। तब अवैध निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रशासन ने मनमाने ढंग से व्याख्या कर मामले को दबा दिया था। दुकानदारों का कहना है कि ताजमहल के आसपास होटलों और दुकानों में पर्यटकों के सहारे ही कारोबार चलता है। अगर यहां व्यावसायिक गतिविधियां बंद हो गईं तो हजारों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।

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