महामारी के कहर से बंद हो सकते हैं आधे से ज्यादा छोटी MSME कंपनियां और स्टार्टअप
सर्वे के मुताबिक एमएसएमई के तहत आने वाले देश के 59 फीसदी सूक्ष्म लघु तथा मध्यम उद्योग सहित स्टार्टअप पूंजी नहीं होने की वजह से इस साल के अंत तक बंद हो जाएंगे या फिर खुद ही बिक जाएंगे...
जनज्वार ब्यूरो। देश में संक्रमण की दूसरी लहर का सबसे अधिक असर छोटी कंपनियों और नए स्टार्टअप पर पड़ा है। लोकल सर्विस के एक सर्वे की मानें तो महामारी और लॉकडाउन की वजह से देश की आधी से ज्यादा छोटी कंपनियां व स्टार्टअप बंद हो सकते हैं या फिर बिक सकते हैं।
लोकल सर्किल का यह सर्वे देश के 171 जिलों में चलने वाले 6 हजार से अधिक स्टार्टअप और एमएसएमई से बातचीत पर आधारित है। इस कंपनी के सर्वे के मुताबिक एमएसएमई के तहत आने वाले देश के 59 फीसदी सूक्ष्म लघु तथा मध्यम उद्योग सहित स्टार्टअप पूंजी नहीं होने की वजह से इस साल के अंत तक बंद हो जाएंगे या फिर खुद ही बिक जाएंगे।
सर्वे में आठ फीसदी कंपनियों का कहना है कि वह अहले 6 महीने में अपना कारोबार बेच देंगे। वहीं महज 22 फीसदी एमएसएमई और स्टार्टअप ही 3 महीने से अधिक समय तक खुद को चला पाने में सक्षम हैं।
इस सर्वे में कहा गया है कि मार्च से सितंबर 2020 तक और इस वर्ष फिर से लॉकडाउन लगने के कारण इनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ज्यादातर कंपनियों के पास इसे चलाने के लिए धन नहीं बचा है, जिसके चलते एमएसएमई और स्टार्टअप कंपनियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि यह छोटी कंपनियां और स्टार्टअप बंद होने के बाद देश में लाखों की तादाद में बेरोजगारों की संख्या बढ़ सकती है। ऐसे में जब सरकार नौकरियां देने में नाकाम नजर आ रही है, तब नौकरियों का टोटा होने से हालात और भी खराब हो सकते हैं।