झोला उठाकर चली जाएगी फोर्ड मोटर कंपनी, इन चार हजार कंपनियों पर भी लग सकता है ताला

फोर्ड के प्लांट चेन्नई के जिस इलाके में हैं वहां पूरी कम्युनिटी का रोजगार ही इससे जुड़ा है। इससे हजारों लोगों को इनडायरेक्ट नौकरी मिली हुई है। हालांकि फोर्ड इंडिया ने कहा है कि वह अपने डीलरों का पूरा ध्यान रख रही है....

Update: 2021-09-13 14:25 GMT

जनज्वार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार मेक इन इंडिया (Make In India) और आत्मनिर्भर भारत के दावे करती रही वहीं दूसरी ओर अमेरिका की एक और कंपनी फोर्ड मोटर (Ford Motor Co.) ने भी भारत से झोला उठाकर चल निकलने का फैसला किया है। इसके साथ ही भारत में इस कंपनी से जुड़े डीलरों और हजारों कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट आ गया है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के आंकड़ों की मानें तो भारत में फोर्ड के करीब 170 डीलर पार्टनर हैं जो पूरे देश में चार सौ शोरूम चलाते हैं। इनमें हजारों कर्मचारी काम करते हैं।

इनमें भी कई कई डीलर्स तो ऐसे हैं जो पांच महीन पहले ही इस कंपनी से जुड़े थे। उन्होंने शोरूम बनाने में करोड़ों रुपये खर्च किए थे लेकिन कंपनी के कारोबार समेटने से उनका निवेश बर्बाद हो जाएगा। फोर्ड की घोषणा के बाद कई डीलरों ने अपने कर्मचारियों की छंटनी भी शुरू कर दी है। एमएसएमई इंडस्ट्री से जुड़े संगठनों का कहना है कि फोर्ड के जाने से कई छोटे सप्लायर्स प्रभावित होंगे। इससे हजारों नौकरियों पर खतरे की तलवार लटक रही है। 

बीते चार सालों में अमेरिका की यह तीसरी ऑटो कंपनी है जो भारत से अपना कारोबार समेट रही है। इससे पहले अमेरिका की प्रसिद्ध जनरल मोटर्स और हार्ले डेविडस भी भारत से अपना कारोबार समेट चुके हैं। कंसोर्टियम ऑफ इंडियन एसोसिएशंस के कन्वींनर के.ई. रघुनाथन ने कहा कि केवल फोर्ड ही बंद नहीं हो रही है बल्कि चार हजार से अधिक छोटी कंपनियां बंद हो रही हैं।

फोर्ड के प्लांट चेन्नई के जिस इलाके में हैं वहां पूरी कम्युनिटी का रोजगार ही इससे जुड़ा है। इससे हजारों लोगों को इनडायरेक्ट नौकरी मिली हुई है। हालांकि फोर्ड इंडिया ने कहा है कि वह अपने डीलरों का पूरा ध्यान रख रही है। सर्विस, वारंटी और पार्ट्स सेल्स के जरिए डीलरों का बिजनेस चलता रहेगा। फोर्ट के प्रवक्ता ने कहा कि अगले साठ दिन में उनके बिजनेस को सेल्स एंड सर्विस से पार्ट्स एंड सर्विस सपोर्ट में बदलने की योजना को अंतिम रूप दे देंगे और फिर हरेक के साथ व्यक्तिगत चर्चा करेंगे।

अनुमानों के मुताबिक डीलर्स के पास करीब एक हजार गाड़ियों की इनवेंट्री है जिनकी कीमत डेढ़ सौ करोड़ रुपये है लेकिन अब फोर्ड के कारोबार समेटने के फैसले के बाद उन्हें बेचना आसान नहीं होगा। फोर्ड कंपनी के फैसले के बाद ग्राहकों में घबराहट है। डीलरों ने कहा कि कुछ लोगों ने शुक्रवार को इस आश्वासन के बाद डिलीवरी ली कि उन्हें सर्विस और स्पेयर्स सपोर्ट मिलता रहेगा। 

फोर्ड अपनी आयातित कार एंडेवर और मुस्तांग को बेचने के लिए अधिकांश डीलर्स को बनाए रखने की दिशा में काम कर रही है। डीलर्स का कहना है कि सस्ती कारों से अचानक उन्हें महंगी कारें बेचनी होंगी। उनके पास अब तक सबसे महंगी कार एंडेवर थी जो अब भारत में फोर्ड के पोर्टफोलियो में सस्ती कार होगी।

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