आजमगढ़ एयरपोर्ट के खिलाफ खिरिया बाग आंदोलन के 81वें दिन 1 जनवरी को निकलेगी पदयात्रा, 3 जनवरी को लखनऊ में होगी सर्वदलीय बैठक

जमीन-मकान नहीं देंगे, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का मास्टर प्लान वापस लेने, आंदोलनकारियों पर से झूठे मुकदमे वापस लेने, किसान नेताओं को उत्पीड़त करने और 12-13 अक्टूबर के दिन और रात में सर्वे के नाम पर एसडीएम सगड़ी और अन्य राजस्व अधिकारी तथा भारी पुलिसबल के द्वारा महिलाओं-बुजुर्गों के साथ हुए उत्पीड़न के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए धरने पर बैठे हैं...

Update: 2022-12-29 12:06 GMT

Khiriya Bagh Protest : खिरिया बाग किसान-मजदूर आंदोलन के 81वें दिन 1 जनवरी को पदयात्रा निकलेगी और किसान-मजदूर आंदोलन के समर्थन में 3 जनवरी को लखनऊ में सर्वदलीय बैठक होगी।

जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के संयोजक रामनयन यादव ने बताया कि 1 जनवरी को खिरिया बाग से एक पदयात्रा निकाली जाएगी। वहीं किसान नेता राजीव यादव ने बताया कि आजमगढ़ में प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के खिलाफ चल रहे आंदोलन के समर्थन में एक सर्वदलीय बैठक 3 जनवरी, 2023, मंगलवार, सुबह साढ़े दस बजे से दारुल शफा ए ब्लॉक कॉमन हॉल, लखनऊ में होगी।

जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा, आज़मगढ़ के तहत गदनपुर हिच्छनपट्टी, जिगिना करमनपुर, जमुआ हरीराम, जमुआ जोलहा, हसनपुर, कादीपुर हरिकेश, जेहरा पिपरी, मंदुरी, बलदेव मंदुरी के ग्रामवासी 13 अक्टूबर 2022 से अनवरत खिरिया की बाग, जमुआ में धरने पर बैठे हैं।

जमीन-मकान नहीं देंगे, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का मास्टर प्लान वापस लेने, आंदोलनकारियों पर से झूठे मुकदमे वापस लेने, किसान नेताओं को उत्पीड़त करने और 12-13 अक्टूबर के दिन और रात में सर्वे के नाम पर एसडीएम सगड़ी और अन्य राजस्व अधिकारी तथा भारी पुलिसबल के द्वारा महिलाओं-बुजुर्गों के साथ हुए उत्पीड़न के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए धरने पर बैठे हैं। प्राथमिक विद्यालय, पंचायत भवन, जच्चा-बच्चा केंद्र, आंगनवाड़ी, नहर भी प्रभावित हो रहे हैं. यहां छोटी जोत के गरीब किसान-मजदूर की खेती पर जीविका आश्रित है।

आज़मगढ़ में एयरपोर्ट सालों से बना पड़ा है, जिससे आज तक एक भी विमान नहीं उड़ा है। आज़मगढ़ के चारों तरफ कुशीनगर, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या और लखनऊ में एयरपोर्ट है, जहां चन्द घंटों में पहुंच सकते हैं। आज़मगढ़ में एयरपोर्ट बनने से क्षेत्र का कोई विकास नहीं हुआ और न इससे कोई रोजगार मिलने की संभावना है। सभी ग्रामसभाओं ने एक मत से निर्णय लिया है कि अपनी जमीन नहीं देंगे। 

Tags:    

Similar News