मीडिया के सामने फोटो खिंचा BJP नेताओं ने किया अतिक्रमण रोकने का दावा और अगले ही दिन वनगूजरों के डेरों पर चल गया बुल्डोजर

अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी मुख्य वन संरक्षक डॉ. पराग मधुकर द्वारा वन भूमि पर बसे गोट खत्ते, वन ग्राम एवं टोंगिया ग्राम आदि से अतिक्रमण हटाने पर रोक लगाए जाने के अगले दिन ही यानी 26 मई को तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अधिकारियों ने जेसीबी व फोर्स ले जाकर कुमगडार खत्ते में खाई खोदकर वनगूजरों के डेरों में तोड़-फोड़ शुरू कर दी गयी...

Update: 2023-05-27 03:28 GMT

रामनगर । अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी मुख्य वन संरक्षक डॉ. पराग मधुकर द्वारा वन भूमि पर बसे गोट खत्ते, वन ग्राम एवं टोंगिया ग्राम आदि से अतिक्रमण हटाने पर रोक लगाए जाने के अगले दिन ही यानी 26 मई को तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अधिकारियों ने जेसीबी व फोर्स ले जाकर कुमगडार खत्ते में खाई खोदकर वनगूजरों के डेरों में तोड़-फोड़ शुरू कर दी गयी। मौके पर वनग्रामवासियों व सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं की बढ़ती संख्या के बाद मौक पर कार्य कर रही वन विभाग की टीम ने काम रोक दिया।

मौके पर पहुंचे समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने सरकार से अतिक्रमण हटाने को लेकर स्थिति साफ करने की मांग करते हुए कहा कि एक दिन पहले भाजपा के नेता प्रेस में फोटो खिंचाकर कह रहे थे कि अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही रोक दी गयी है, परंतु अगले दिन ही आदेश के उलट कार्यवाही शुरू कर दी गयी।

यहां तक की कार्यवाही से पूर्व वन गूजरों को प्रभागीय वन अधिकारी द्वारा मुख्य वन संरक्षक के आदेशानुसार वन अधिनियम की धारा 61 क व ख के तहत नोटिस भी नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि वन गूजर वनाधिकार कानून, 2006 के दायरे में आते हैं और सुप्रीम कोर्ट ने वनाश्रित समुदाय को जंगलों से हटाए जाने पर रोक लगायी हुयी है। तराई पश्चिमी वन विभाग के अधिकारी न तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश मान रहे हैं और न ही मुख्य वन संरक्षक डॉ. पराग मधुकर धकाते का।

इस मौके पर ललित उप्रेती ने कहा कि वन प्रशासन की इस तानाशाही के खिलाफ 30 मई को तिलाड़ी के शहीदी दिवस पर वन परिसर, रामनगर में प्रतिरोध सभा आयोजित की जा जाएगी, जिसमें अतिक्रमण के नाम पर बेदखल किए जा रहे लोग बड़ी संख्या में भागीदारी करेगे।

सामाजिक कार्यकर्ता संजय, सरस्वती जोशी सूरज मेहरा, मानु, गामा समेत बड़ी संख्या में लोगों ने वन गूजरों के बीच पहुंचकर सरकार की नीति को लेकर आक्रोश व्यक्त किया। किसान नेता महेश जोशी भी वन गुर्जरों के बीच पहुंचे थे।

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